सुप्रीम कोर्ट
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टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर कांग्रेस टूलकिट के खिलाफ जांच की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को टूलकिट पसंद नहीं है तो मत देखिए, इसे नजरअंदाज कर दीजिए। यह एक राजनीतिक पार्टी का राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। हम जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की तुच्छ याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली है। कोरोना महामारी पर कांग्रेस की टूलकिट की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA) से जांच की मांग वाली याचिका में कहा गया था कि आरोप सही पाए जाने पर कांग्रेस पार्टी का पंजीकरण निलंबित किया जाए।

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वकील शशांक शेखर झा ने इस याचिका में कांग्रेस पार्टी, केंद्र सरकार और केंद्रीय चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया था। इसमें कथित टूलकिट मामले में केंद्र सरकार को प्रारंभिक मामला दर्ज करने के निर्देश देने की मांग भी की गई थी। वहीं झा का कहना है कि अपराध उजागर करने के लिए मामले की जांच आइपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व अन्य विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा-13 के तहत की जानी चाहिए।

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याचिका में चुनाव आयोग को कांग्रेस का पंजीकरण निलंबित करने के निर्देश देने की मांग भी की गई है, अगर उस पर राष्ट्रविरोधी कार्यो और सामान्य लोगों के जीवन से खेलने के आरोप सही पाए जाएं। साथ ही केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह देश विरोधी रुख दर्शाने वाले सभी तरह के होर्डिंग्स पर रोक के लिए प्रत्येक राजनीतिक दल, समूह और व्यक्ति को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करे। याचिका में अंतिम संस्कार व शवों की तस्वीरों के इस्तेमाल और कोरोना म्यूटेंट का नाम भारत और उसके प्रधानमंत्री के नाम पर रखने के खिलाफ आवश्यक निर्देश देने की मांग भी की है।

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