रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम ने स्कूली बच्चों की किताब छपाई अनियमितता मामले में जांच शुरू कर दी है। निगम की किताबें छापने के लिए नियुक्त प्रिंटर प्रोग्रेसिव आफसेट, गोंदवारा रायपुर के खिलाफ शिकायत थी कि यहां किताब छापने के लिए ऑर्डर दिया गया, लेकिन मुद्रक किसी दूसरे मुद्रक को काम देकर छपवाई करा रहा है।

दूसरे मुद्रकों की भी हुई जांच
गोंदवारा में आसपास ही स्थित प्रोग्रेसिव आफसेट, श्री सांई आफसेट और बीके आफसेट के मुद्रणालय का निरीक्षण कर उक्त मुद्रकों के प्रेस परिसर में संपन्ना किए जा रहे मुद्रण कार्य एवं मशीनों से संबंधित जानकारी प्राप्त की है। निगम सबलेट करने को लेकर नियम प्रविधान की भी पड़ताल कर रहा है। जांच प्रतिवेदन के बाद कार्रवाई की जाएगी।
विद्युत क्षमता की भी होगी जांच
प्रोग्रेसिव आफसेट की विद्युत क्षमता से संबंधित शिकायत की जांच के लिए कार्यपालन अभियंता, उरला डिविजन को पत्र जारी किया गया है। उनसे निरीक्षण कर विद्युत क्षमता एवं लोड की जांच कर प्रतिवेदन निगम को भेजने के लिए कहा गया है।
क्या था मामला
बता दें कि मीनल पब्लिकेशन के मुद्रणालय में दबिश के दौरान छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की नैतिक मूल्य एवं योग शिक्षा भाग एक की पुस्तक का मुद्रण एवं बाइंडिंग कार्य चालू था। आरोप है कि निगम ने प्रोग्रेसिव आफसेट गोंदवारा को छपाई का ऑर्डर दिया था, जबकि छपाई का काम मीनल पब्लिकेशन कर रहा था, यहां जो किताबें मिली थीं, उनमें प्रकाशक का नाम प्रोग्रेसिव आफसेट लिखा था।