टीआरपी डेस्क। आज के दौर में जहां हर कोई अपने और अपने सामान की सुरक्षा के लिए एलर्ट दिखाई पड़ता है। अपने मन में एक डर लिए चलता है कि कहीं उनके किसी चीज को कोई चोरी न कर ले। वहीं हमारे देश में एक ऐसी जगह भी मौजूद है जहां पर लोगों को चोरी का बिल्कुल भी डर नही है।
इसके अलावा आपने अक्सर सामान लेने के बाद दुकानदारों को ग्राहकों से पैसे लेते देखा होगा लेकिन भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम के शेलिंग में आपको बिना दुकानदारों वाली कई दुकानें मिल जाएंगी। जहां पूरा का पूरा बाजार बिना दुकानदार के चलता है। यह दुकानें ज्यादातर राजमार्गों पर स्थित हैं। यहां आपके लिए न केवल खरीदने के लिए सामान उपलब्ध हैं बल्कि आप यहां से जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक भी सीख सकते हैं।
जानकारी अनुसार, यहां का स्थानीय समुदाय एक अनोखी और बेहतरीन परंपरा का पालन करता है। जिसे ‘नगहा लो डावर संस्कृति’ कहते हैं। इस परंपरा के तहत बिना दुकानदारों की मौजूदगी के दुकानें खोली जाती हैं। यहां की एक सबसे खास बात तो यह है कि जितना सुंदर यह राज्य है उतने ही अच्छे यहां के निवासी है।
आपको कई बार सोशल मीडिया में इस परंपरा की वीडियो और तस्वीरें देखने को मिल जाती है। हाल ही में एक गैर सरकारी संस्था ”The Better India” ने अपने यूट्यूब चैनल के द्वारा एक वीडियो जारी किया। जिसमें मिज़ोरम की सुंदरता और यहां की परंपरा को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया हैं।
देश का एक अनोखा बाज़ार, जहां नहीं रहता कोई दुकानदार, खरीददार खुद सामान लेकर रख देते हैं पैसे @thebetterindia #Seling #market #NagahaLoDavarCulture #TheBetterIndia #IncredibleStory #ProudToBeAnIndian https://t.co/grTxy05pvg pic.twitter.com/Mj9OEBGWuv
— The Rural Press (@theruralpress) July 16, 2021
बता दें, बिना दुकानदारों के चलने वाले इन बाजारों में देश के दूसरे बाजारों की तरह कोई सीसी टीवी कैमरे नहीं लगे हैं और न कोई वॉचमैन बैठे है। यहां पर लोग सामान खरीदने आते हैं और ईमादारी से खरीदकर चले जाते हैं। इससे यहां पर सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होता है। वह अपनी सब्जी आदि बाजार में लगाकर अपने खेतों पर चले जाते हैं।
इस दौरान वह अपने स्टॉल पर हर सब्जी के पास उसके दाम लिख देते हैं। इसके साथ ही वहीं पर ‘पविसा दहना’ नाम से एक बॉक्स रखा जाता है। जिसमें पैसे डालने होते हैं। वहीं एक ‘पविसा बावन’ नाम से बॉक्स होता है जिसमें रेजगारी रखी होती है। ताकि लोगों को टूटे पैसे की दिक्कत न हो। वहीं मिजोरम में लोगों का कहना है कि जो गरीब तबके के दुकानदार हैं उन्हें बड़ी आराम है। वह दुकान के साथ दूसरे काम भी कर लेते हैं। उन्हें दुकान की सुरक्षा के लिए किसी को पैसे देकर बैठाना नहीं पड़ता है।
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