भोपाल। राज्य सरकार प्रदेश में 10 वन मंडल बंद करने की तैयारी कर रही है इनमें दो उत्पादन एवं अन्य सामान्य वनमंडल है। वन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है और शीघ्र ही इस मामले में फैसला होने की संभावना है। वन विभाग का तर्क है कि चयनित वनमंडलों में इतना काम ही नहीं बचा है कि वहां भारतीय वन सेवा के अधिकारी को पदस्थ किया जाए, इन वनमंडलों को समाप्त कर नजदीक के दूसरे वनमंडलों में मर्ज किया जाएगा

मध्य प्रदेश में 63 सामान्य और 9 उत्पादन वन मंडल हैं। इनमें से ऐसे 10 वनमंडल का चयन किया गया है जिनमें घने जंगल हैं और वहां संरक्षण के अलावा अन्य कोई काम नहीं बचा है, मसलन पौधारोपण या उत्पादन की दृष्टि से यह वनमंडल अंतिम पंक्ति में शामिल होते हैं
वही विकास निगम और संरक्षित क्षेत्रों के बफर जोन में जमीन जाने के कारण इन वनमंडलों में भूमि भी कम ही बची है इन सब कारणों को देखते हुए इन्हें बंद करने का फैसला लिया जा रहा है इनमें रायसेन देवास उत्पादन वन मंडल पश्चिम वनमंडल मंडला बैतूल खंडवा का सेंधवा शहडोल छिंदवाड़ा सिवनी सहित अन्य वनमंडल भी शामिल है।
वन विकास निगम के अधिकार में चला गया क्षेत्र
वन अधिकारी बताते हैं कि मंडला सिवनी और बैतूल ऐसे वन मंडल है जिनका बड़ा हिस्सा वन विकास निगम के कार्य क्षेत्र में चला गया। वहीं कुछ हिस्सा नजदीक स्थित संरक्षित क्षेत्रों के बफर जोन के रूप में काम आ रहा है छिंदवाड़ा में भी ऐसे ही हालात है इसके बड़े हिस्से में वन विकास निगम की योजनाएं चल रही है, वहीं खंडवा का सेंधवा छोटा वन मंडल है। ऐसे में इन वनमंडलों में सामान्य या उत्पादन का कोई काम नहीं बचा है।
नजदीकी वनमंडलों का होगा विस्तार
इन वनमंडलों को खत्म कर सरकार इस क्षेत्र को आसपास के दो वनमंडल में बांट देगी। इससे उन वनमंडलों का क्षेत्र बढ़ जाएगा और फिर उन वन मंडल में मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी को भी पदस्थ किया जा सकता है इसे लेकर भी अंदर ही अंदर विचार शुरू हो गया है।
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