कोरोनाः बीजेपी सांसद को सुप्रीम कोर्ट की फटकार... कहा लोग तरस रहे थे और आप जमाखोरी में लिप्त थे

टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा सांसद गौतम गंभीर की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कोरोना की दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए भाजपा सांसद को जमकर फटकार लगाई और कहा कि जब कोरोना महामारी के दौरान लोग दवाओं के लिए तरस रहे तो आप जमाखोरी में लिप्त थे। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि हमने अख़बार और मीडिया रिपोर्ट देखी है।

जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोग कोरोना के दवाओं को खरीदने के लिए दौड़ धूप कर रहे थे तो कुछ लोग ने इन दवाओं को बांटना शुरू कर दिया। न्यायाधीश एमआर शाह ने कहा कि कोरोना के दवाओं को ऐसे नहीं बांटा जा सकता है। सबने देखा कि लोग इन दवाओं के लिए किस तरह तरस रहे थे। ऐसा नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गौतम गंभीर की याचिका को ख़ारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हाईकोर्ट के जांच आदेश में दखल देने से इंकार करने के बाद भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने वापस से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि बीते 24 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को भाजपा सांसद गौतम गंभीर के खिलाफ कोरोना की दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण को लेकर जांच करने को कहा था।

जिसके बाद 31 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी सांसद गौतम गंभीर के द्वारा बड़ी मात्रा में फैबीफ्लू दवा खरीदे जाने की उचित तरीके से जांच नहीं करने को लेकर ड्रग कंट्रोलर को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि आप जांच नहीं कर सकते हैं तो बताएं हम आपको हटाकर किसी और को यह जिम्मा दे देते हैं। बाद में 3 जून को दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने हाईकोर्ट को कहा था कि गौतम गंभीर फाउंडेशन को कोरोनावायरस मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा फैबीफ्लू की अनधिकृत तरीके से जमाखोरी करने, खरीदने और उसका वितरण करने का दोषी पाया गया है। औषधि नियंत्रक ने कोर्ट से जल्दी कार्रवाई करने की मांग की थी। अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को करेगी।

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