टीआरपी डेस्क। विधानसभा में गुरूवार को धान खरीदी का मामला सदन में उठा। बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि धान खरीदी में लूट हो रही है, सोसायटियां बर्बाद हो रही है। बीजेपी विधायकों ने सदन में नारेबाजी करते हुए धान खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट किया।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए धान संग्रहण केंद्रों में धान का उठाव नहीं होने का मामला उठाया। इसके साथ बीजेपी विधायकों ने पूछा कि सरकारी समितियों से समय पर धान नहीं उठा, इसका जिम्मेदार कौन है? खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीदी के बाद 72 घंटे में उठाने का नियम है। 72 घंटे में परिवहन नहीं होता तो समितियाँ अपने आप में परिवहन कराने के लिए सक्षम हैं।
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि समितियों को परिवहन रोकने का आदेश दिया गया है। पहले समितियों को परिवहन करने का आदेश दिया गया और बाद में आदेश जारी कर रोक दिया गया। समितियों ख़त्म हो जाएंगी, राज्य में तीन हज़ार समितियां संकट में हैं। मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब में कहा कि समिति स्तर पर सूखत मान्य नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल किया कि 1 लाख 55 हज़ार टन धान सोसाइटियों में शेष है। ये कहां गया? मंत्री अमरजीत भगत ने कहा- कि शेष धान सूखत का है। जब तक डाटा मिलान नहीं होगा, तब तक बता पाना मुश्किल है।