छत्तीसगढ़ में मछलीपालन के लिए कृषि जैसे ही मिलेगी सस्ती बिजली और बिना ब्याज लोन: बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। अब मछलीपालन के लिए भी कृषि जैसे ही सस्ती बिजली और बिना ब्याज के ऋण की सुविधा मिलेगी। इससे मछलीपालन करने वालों को लाभ होगा और जो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण मछलीपालन नहीं कर पाते थे, वे भी मछलीपालन कर आय का साधन जुटा सकेंगे और आगे बढ़ेंगे। अधिक से अधिक संख्या में मछुआ समुदाय के लोग भी इन प्रावधानों का लाभ उठाने के लिए आगे आएं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए ये बात कही।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेन्द्र ढीमर, सदस्य दिनेश फूटान, देव कुंवर निषाद, आरएन आदित्य, प्रभु मल्लाह, विजय ढीमर और अमृता निषाद ने पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी और पूर्व विधायक दिलीप लहरिया भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मछलीपालन की अच्छी संभावनाएं हैं। यहां नदियों, तालाबों और नालों की कमी नहीं है। यहां बारिश भी अच्छी होती है, इन अनुकूल परिस्थितियों के साथ-साथ अब राज्य शासन द्वारा मछलीपालन के लिए दी जा रही सहायता का लाभ उठाने के लिए मछुआ समुदाय के अधिक से अधिक लोग आगे आएं।

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