Pegasus Issues: सिब्बल बोले- ये निजता पर हमला, चीफ जस्टिस बोले- तो फिर FIR क्यों नहीं करवाई?

नई दिल्ली । Pegasus Issues पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है और इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल की दलीलों के सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि जासूसी मामले में जांच के आदेश देने के ठोस प्रमाण नहीं है। कपिल सिब्बल ने अमेरिका और फ्रांस में इसी तरह की जासूसी के मामलों का जिक्र किया तो सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या उन सभी केस में भारत का भी जिक्र है तो कपिल सिब्बल ने साफ इंकार कर दिया।

इसके बाद कपिल सिब्बल ने दूसरी दलील रखी कि भारत में जिन लोगों की जासूसी का आरोप है, उनमें जज और पत्रकार भी शामिल है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि उन लोगों ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है तो इसके जवाब में भी कपिल सिब्बल ने इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले से जुड़े सभी पहलूओं पर हमारी नजर है।

गौरतलब है कि जासूसी मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार एनराम और शशिकुमार, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा ने पेगासस जासूसी विवाद में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं। वहीं दूसरी ओर पेगासस जासूसी केस को लेकर संसद में भी लगातार जांच को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सभी याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वह अपनी याचिका की एक कॉपी केंद्र सरकार को भी दें। अब पेगासस मामले में सुनवाई अगले सप्ताह होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान एमएल शर्मा को भी फटकार लगाई, जिन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य व्यक्तिगत लोगों के खिलाफ याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में फायदा उठाने की कोशिश न करें।

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