रायपुर। देश की 10 ट्रेड यूनियनों ने भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ आज एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया। 1942 में आठ अगस्त को मुंबई के आजाद मैदान से महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अंग्रेजों भारत छोड़ो का एलान किया था और नौ अगस्त से पूरे देश में ब्रिटिश शासकों के खिलाफ देश की जनता सड़कों पर उतर गयी थी। देश के ट्रेड यूनियन आंदोलन ने इसी ऐतिहासिक दिवस की स्मृति में और उससे प्रेरणा लेते हुए देश की संपदा की हो रही कथित लूट के खिलाफ भारत बचाओ दिवस आयोजित किए जाने का आह्वान किया था।

कोल सेक्टर में हुआ व्यापक प्रदर्शन
भारत बचाओ दिवस के इस मौके पर छत्तीसगढ़ में कोल सेक्टर और रेलवे क्षेत्र में कर्मचारी संगठनों ने प्रदर्शन किया। SECL की लगभग सभी परियोजनाओं में आज सुबह के वक्त श्रमिक संगठनों के नेता और कर्मचारियों ने बढ़ती महंगाई और कथित श्रमविरोधी नीतियों को लेकर केंद्र सरकार का विरोध करते हुए गेट मीटिंग की। इस दौरान केंद्र के खिलाफ नारे बाजी की गई एवं भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ मजदूरों के बीच तथ्यों को प्रस्तुत किया गया।
यह भी पढ़े:- श्रमिक संगठन मना रहे हैं काला दिवस, केंद्र के नए श्रम कानूनों का विरोध
श्रमिक संगठनों के नेताओ ने आरोप लगाया कि भारत सरकार कोरोना काल की आड़ में आज सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री, श्रम कानून को कमजोर करने, विनिवेश आदि के माध्यम से 300 से अधिक उद्योग का निजीकरण करने जा रही है जिसकी शुरुआत एयर इंडिया, बीएसएनएल, कोल इंडिया में कमर्शियल माइनिंग आदि से हो चुकी है। जिसे देखते हुए देश के प्रमुख 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ 9 अगस्त को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम और वॉट्सएप पर…