सुप्रीम कोर्ट

टीआरपी डेस्क। राजनीति में आपराधिक छवि वाले लोगों की हिस्सेदारी कम करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला दिया। दरअसल बीजेपी और कांग्रेस समेत आठ राजनीतिक दलों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने का कारण अपने उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक रिकार्ड का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करना है।

बिहार चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया में प्रकाशित न करने के मामला पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 पार्टियों को अपने आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना का दोषी माना। कोर्ट ने जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी, कांग्रेस, बीजेपी, सीपीआई पर 1-1 लाख का जुर्माना किया है। इसके अलावा, सीपीएम और एनसीपी पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने भविष्य के लिए ने निर्देश दिया है कि राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट पर प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड डालें।

चुनाव आयोग ऐप बनाए, जहां मतदाता ऐसी जानकारी देख सके। इसके साथ ही, पार्टी प्रत्याशी चुनने के 48 घंटे के भीतर आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया में प्रकाशित करें। आदेश का पालन न होने पर आयोग सुप्रीम कोर्ट को सूचित करें।  इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों का चयन करने के 48 घंटे के अंदर उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड पब्लिश करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सभी पार्टियों को अपने सभी उम्मीदवारों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर बतानी होगी और दो अखबारों में भी पब्लिश करनी होगी। उम्मीदवार के चयन के 72 घंटे के अंदर इस आदेश की पालना रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी सौंपनी होगी।

बता दें कि इस इस मामले में नवंबर 2020 में एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने याचिका दायर की थी। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान उन पार्टियों के खिलाफ मानहानि की अर्जी दाखिल की थी, जिन्होंने अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा नहीं दिया था।

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