रायपुर। कोरोना में लंबे लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल ने पूर्व उपलब्धियां हासिल की है। विगत एक वर्ष में सर्वाधिक 1632 नए संस्थानों एवं 66207 नए श्रमिकों का पंजीयन कराया गया है।

छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद ने मजदूरों से संवाद कार्यक्रम में अपने एक साल पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साल भर की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया, नए श्रमिकों को मंडल की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बढ़कर 364896 हो गई है।
अहमद ने बताया कि नए संस्थानों से 26 लाख 34 हजार 6 सौ रूपए पंजीयन शुल्क के रूप में प्राप्त हुआ है। इस अवधि में 4 करोड़ 62 लाख 90 हजार 854 रूपए अभिदाय राशि संग्रह किया गया जो कि मंडल के गठन के बाद से अब तक सर्वाधिक है। मंडल द्वारा संस्थानों एवं श्रमिकों का पंजीयन संख्या बढ़ाने तथा अभिदाय जमा करने के लिए 11 हजार से अधिक नोटिस भी भेजे गए।
3027 श्रमिकों के बच्चों को दी गई 6758500 रुपए की छात्रवृत्ति
शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत 3027 श्रमिकों के बच्चों को 67 लाख 58 हजार 5 सौ रूपए की छात्रवृत्ति प्रदाय किया गया। शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्य योजनांतर्गत प्रदेश के चार औद्योगिक जिलों के आठ दाल भात केन्द्र के माध्यम से हजारों श्रमिकों को मात्र 10 रूपए में गर्म और पौष्टिक भोजन प्रदाय किया गया।
महिलाओं के सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत वर्तमान में प्रदेश के 6 जिलों के 16 प्रशिक्षण केन्द्रों में सैकड़ों महिला हितग्राही सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
कोरोना लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को दी गई मदद
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के आवागमन, भोजन, और आवास की व्यवस्था के लिए श्रम कल्याण मंडल कार्यालय में हेल्पलाइन सेंटर संचालित किया गया। जिससे लाखों मजदूर लाभान्वित हुए।
छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने एवं उचित व्यवस्था बनाने के लिए 121 नवीन पदों पर भर्ती का प्रस्ताव राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
10 औद्योगिक जिलों में मल्टी यूटिलिटी कांप्लेक्स, डॉरमेट्री बनाने की योजना
अहमद ने बताया कि श्रमिकों तथा उनके परिवार के सदस्यों के शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान तथा उन्हें स्वाबलंबी बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के 10 औद्योगिक जिले रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, महासमुंद, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा तथा सरगुजा के औद्योगिक परिक्षेत्र में मल्टी यूटिलिटी कांप्लेक्स, डॉरमेट्री बनाने की योजना है।
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