कंधार और हेरात में बंद भारतीय दूतावासों का ताला तोड़कर घुसे तालिबानी, अलमारी से गोपनीय कागजात ले गए

कंधार/नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा के बाद अब तालिबान घर-घर जाकर उन अफगानी सैनिकों-अफसरों की तलाशी कर रहा है, जिन्होंने सरकारी इंटेलीजेंस एजेंसी के लिए काम किया या फिर अमेरिका के लिए। इस बीच सबसे चौंकाने वाली खबर यह सामने आई है कि तालिबान के लड़ाके कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास भी पहुंचे थे और तलाशी ली थी।

काबुल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानियों ने कुछ जरूरी कागजात के लिए कंधार में अलमारी की तलाशी ली और दोनों दूतावासों (कंधार और हेरात) पर मौजूद कार भी उठाकर ले गए। हालांकि, जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास और काबुल में मिशन के साथ क्या हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।

काबुल से मिली रिपोर्टों के मुताबिक, बताया जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क के करीब 6,000 लड़ाकों ने आतंकवादी समूह के प्रमुख और तालिबान के उप नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के भाई अनस हक्कानी के नेतृत्व में राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया है।

इस बीच अनस हक्कानी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, एचसीएनआर के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला और हिज़्ब-ए-इस्लामी के दिग्गज गुलबुद्दीन हेतकमत्यार से मुलाकात की। यह माना जा रहा है कि करजई और अब्दुल्ला दोनों की आवाजाही को तालिबान द्वारा प्रतिबंधित और नियंत्रित किया जा रहा है।

रिपोर्ट की मानें तो एनडीएस खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले अफगानों की पहचान करने के लिए तालिबान यह तलाशी ले रहा है।

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