कोरोना

टीआरपी डेस्क। कोरोना वायरस के तांडव के बीच सभी देशवासियों के लिए शुक्रवार को एक बड़ी खबर आई। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने स्वदेशी कंपनी Zydus Cadila की तीन खुराक वाली कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।

ZyCoV-D वैक्सीन 12 साल से ऊपर सभी लोगों को लगाई जा सकेगी। कंपनी ने अपनी इस खास वैक्सीन का 50 से अधिक केंद्रों पर ट्रायल किया है। Zydus Cadila द्वारा विकसित किया गया ZyCoV-D टीका दुनिया का पहला डीएनए टीका है।

भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में इस्तेमाल होने वाला ये छठा टीका होगा। देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पुतनिक वी, अमेरिका का मोडर्ना और अमेरिका के ही जॉनसान एंड जॉनसन वैक्सीन दिए जा रहे हैं। बता दें कि जायडस कैडिला का जाइकोव-डी टीका अपने आप में बेहद खास है क्योंकि ये पूरी तरह Needle Free Vaccine होगी। कहने का सीधा मतलब ये है कि इस टीके को बाकी टीकों की तरह सुई वाले इंजेक्शन से लगाने की जरूरत नहीं होगी, इसे एक खास नीडल फ्री इंजेक्टर के जरिए लोगों की बांह में लगाया जाएगा। सुई के प्रति बच्चों के डर को देखते हुए ये नीडल फ्री वैक्सीन निश्चित रूप से वैक्सीनेशन अभियान में अहम भूमिका निभाएगी।

इस तरह काम करती है नीडल फ्री इंजेक्शन टेक्नोलॉजी

नीडल फ्री इंजेक्शन टेक्नोलॉजी के तहत एक बेहद ही विशेष इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत सबसे पहले टीके की शीशी को बिना सूई वाली सीरिंज में लगाकर जरूरी मात्रा को अंदर भर लिया जाता है। जब सीरिंज में दवा या टीका भर लिया जाता है तो इसे इंजेक्टर में लगा दिया जाता है। फिर इंजेक्टर पर लगे बटन को दबाकर इसे बांह की त्वचा के रास्ते शरीर के अंदर पहुंचा दिया जाता है। बता दें कि नीडल फ्री इंजेक्टर एक ऐसे मकेनिज्म पर काम करता है जिसमें स्प्रिंग का इस्तेमाल होता है और जरूरी प्रेशर के साथ शरीर में भेज देता है। इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति को इंजेक्शन लगने की भनक भी नहीं लगती और काम पूरा हो जाता है।

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