चिटफंड कंपनियों में अकेले रायपुर जिले से 700 करोड़ रुपयों का हुआ था निवेश, साढ़े तीन लाख से ज्यादा अर्जियां जमा

रायपुर। राज्य सरकार द्वारा चिटफंड कंपनियों में निवेश करके रूपये गवांने वाले नागरिकों को क्लेम करने के लिए 20 अगस्त तक का समय दिया था। फॉर्म जमा करने की मियाद ख़त्म होने के बाद अब जिलों से आंकड़े सामने आने लगे हैं। प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित जिले भर से चिटफंड घोटाले से पीड़ित तीन लाख 66 हजार 330 लोगों ने आवेदन जमा करा दिया है। अनुमान के मुताबिक रायपुर जिले से आवेदकों ने 700 करोड़ रुपये से अधिक का क्लेम किया है।

एक दौर था जब पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों का जाल फैला हुआ था। रकम दुगुना और तिगुना करने के फेर में लाखों लोगों ने अपने गाढ़े पसीने की कमाई को चिटफंड कंपनियों में जमा करा दिया। उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि जब बैंक कम अवधि में रकम बढाकर नहीं दे सकते तो निजी कंपनियां कैसे उनकी जमा पूँजी को इतना बढ़ा कर वापस कर सकती हैं। धीरे-धीरे इन कंपनियों ने लोगों से रूपये बटोरे और चंपत हो गए। आज इस मुद्दे को लेकर निवेशकों के साथ ही सरकारी अमला भी परेशान है।

लाखों आवेदन और क्लेम करोडों का

चूँकि 20 अगस्त आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख थी और इस दिन मोहर्रम का अवकाश था। इसके बाद भी तहसीलों के काउंटर खोले गए। इस दिन भी बड़ी संख्या में तहसीलों में भीड़ देखने को मिली है। चिटफंड कंपनियों की ठगी का शिकार हुए लोगों की ओर से किए गए निवेश का लेखा-जोखा लगाने में अधिकारियों और कर्मचारियों का पसीना छूट रहा है। इससे पहले भी जब प्रशासन ने आवेदन मंगाए थे तब रायपुर में एक लाख 25 हजार ही आवेदक सामने आए थे। इस बार यह संख्या बढ़कर 03 गुना हो गयी है। रायपुर जिले में रायपुर तहसील से 2,07,835, आरंग से 60,350, अभनपुर से 65,200, तिल्दा से 25,052 और खरोरा से 7,893 आवेदन जमा हुए हैं।

अनेक कंपनियों की सम्पत्तियां हो चुकी हैं कुर्क

प्रदेश भर में अनेक चिटफंड कंपनियों अपनी पैठ ज़माने के लिए जमीनें खरीदी थी। राज्य शासन के निर्देश पर ऐसी सम्पत्तियों का पता लगाकर उन्हें सीज किया गया। कहा जा रहा है कि अब इन सबकी कुर्की करके नीलामी की जाएगी और जो भी रकम आएगी उसे निवेशकों को बांटा जायेगा। मगर शासन ने आवेदन तो जमा कर दिया है, लेकिन इस बार किसी भी आवेदक से बैंक अकाउंट नंबर नहीं लिया गया है। वहीं, अभी आवेदनों को छांटने में ही एक से दो महीने से ज्यादा का वक्त लग सकता है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएपपर