सुप्रीम कोर्ट

नेशनल डेस्क। देशभर में अब भी जारी कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की निति अब तक तय न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने आज शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मृत व्यक्तियों से संबंधित मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश जारी करने के उसके आदेश पर अमल के लिए केंद्र सरकार को 11 सितम्बर तक का समय दिया है।

दरअसल कोर्ट ने केंद्र को मुआवजा नीति बनाने के अलावा डेथ सर्टिफिकेट में मौत की सही वजह दर्ज करने की व्यवस्था बनाने के लिए भी कहा था। मामले में अब तक जवाब दाखिल न होने पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने आज कहा- आप जब तक कदम उठाएंगे, तब तक तीसरी लहर भी आकर जा चुकी होगी।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उसके 30 जून के न्यायिक दिशानिर्देशों पर अमल से संबंधित एक हलफनामा 11 सितम्बर तक पेश किया जाये।

खंडपीठ ने आज हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से संबंधित हलफनामा पेश न करने को लेकर गहरी नाराजगी जताई, जिसके बाद मेहता ने एक सप्ताह का और वक्त मांगा। गौरतलब है कि 16 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान भी न्यायालय ने अपने दिशानिर्देश पर अमल को लेकर तीन सितम्बर (आज) तक का समय दिया था, लेकिन केंद्र इसमें विफल रहा। यह याचिका वकील गौरव बंसल ने दायर की है।

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