छत्तीसगढ़ की बड़ी खबर: कलेक्टर DMF के होंगे अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री नहीं सांसदों को मिलेगी परिषद में जगह, संशोधित परिषद को लेकर राजपत्र में हुआ प्रकाशन

रायपुर। केंद्र के निर्देश बाद अब छत्तीसगढ़ में कलेक्टर ही जिला खनिज न्यास परिषद के अध्यक्ष होंगे। केंद्र के पत्र के बाद DMF परिषद में संशोधन राजपत्र में प्रकाशित किया गया है।

बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने प्रभारी मंत्रियों को DMF परिषद का अध्यक्ष बनाया था। इस आदेश को लेकर पिछले महीने 18 अगस्त को राज्य को केंद्र ने पत्र लिखकर कहा था कि प्रभारी मंत्रियों को DMF परिषद के अध्यक्ष पद से हटाए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सीएम को लिखे पत्र में इस मामले में तत्काल क्रियान्वयन के लिए भी कहा गया था।

देखें संशोधन राजपत्र में क्या कहा गया है

DMF परिषद में संशोधन राजपत्र में कहा गया है कि सांसदों को पदेन सदस्य सचिव बनाने को लेकर राजपत्र में प्रकाशन किया गया है। अभी तक जिला पंचायत सीईओ को पदेन सदस्य हुआ करते थे, उन्हें अब नए संशोधित परिषद में पदेन सदस्य सचिव बनाया जायेगा। वहीं सांसद परिषद में अब पदेन सदस्य होंगे।

लोकसभा सदस्य शासी परिषद के सदस्य होंगे

जिले के लोकसभा सदस्य शासी परिषद के सदस्य होंगे, यदि किसी जिले में लोकसभा के एक से अधिक सांसद सदस्य हो तो उस जिले को लोकसभा के सभी सांसद सदस्य, शासी परिषद के सदस्य होंगे, तथा यदि लोकसभा के किसी सांसद सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र एक से अधिक जिलों के अंतर्गत आता है तो लोकसभा का सांसद सदस्य ऐसे सभी जिलों के शासी परिषद के सदस्य होंगे।

राज्यसभा का सांसद सदस्य किसी एक जिले का कर सकेंगे चयन

राज्य के राज्यसभा का सांसद सदस्य अपने द्वारा चयनित किसी एक जिले शासी परिषद के सदस्य होंगे। राज्य सभा के सांसद सदस्य अपने द्वारा चयनित जिलों का नाम राज्य के खनिज साधन विभाग के प्रभारी सचिव को संसूचित करेंगे, जो इसकी संसूचना संबंधित जिला मजिस्ट्रेट, उपायुक्त, जिला कलेक्टर को देंगे।

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