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रायपुर/बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ पाठय पुस्तक निगम के उस आदेश को अनुचित व असंवैधानिक मानते हुए रद्द कर दिया है जिसमें रायपुर के शारदा ऑफसेट प्रिंटर को काली सूची में डालने के आदेश जारी किए गए थे। इस मामले में हाईकोर्ट में शारदा ऑफसेट प्रिंटर की ओर से याचिका दायर की गई थी। 31 अगस्त को न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की खंडपीठ में अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पाठय पुस्तक निगम के उक्त आदेश को निरस्त कर दिया है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशुतोष पाण्डेय,शशांक ठाकुर, एव्ही श्रीधर एवं हिमांशू सिन्हा ने पैरवी करते हुए याचिकाकर्ता का पक्ष रखा। अभियोजन से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पाठय पुस्तक निगम ने अपने आदेश दिनांक 2 जनवरी 2021 को शारदा ऑफसेट प्रिंटर को काली सूची में डाले जाने के आदेश पारित किया था।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि पाठय पुस्तक निगम और शारदा ऑफसेट रायपुर के बीच अनुबंध की जिस कंडिका के तहत काली सूची में डाला गया,वो कंडिका कानूनी प्रावधानों के विपरीत होने तथा शारदा आफसेट के विरुद्ध पाठय पुस्तक निगम द्वारा बिना उचित सुनवाई के मौका दिए काली सूची में डाला गया जो कि विधि विरुद्ध है।

न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए,पाठय पुस्तक निगम को अंतिम रूप से सुनने के पश्चात आज दिनांक 8 सितंबर 2021 को याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित किया एवं पाठ्य पुस्तक निगम के प्रिंटर को काली सूची में डाले जाने वाले आदेश दिनांक 02 जनवरी 2021 को असंवैधानिक एवं अनुचित करार देते हुए रद्द कर दिया है।

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