प्रदेश में आफत की बरसात, गरियाबंद जिले में बाढ़ से सड़क मार्ग बंद, 8 लोग लोग फंसे... जारी है रेसक्यू ऑपरेशन/ खोले गए सिकासेर बांध के 17 गेट

टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक दिन की बरसात ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जिला मुख्यालय पहुंचने वाले सारे मार्ग जलमग्न हो गए हैं। शहर की कई कॉलोनियों में घुटने तक पानी भर गया है। वहीं पैरी नदी उफान पर है।

बता दें कि रायपुर-गरियाबंद नेशनल हाईवे पर 2 फीट पानी बहने से उसे बंद कर दिया गया है। भारी बरसात के चलते नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मगर सोमवार को हुई आफत की बरसात ने पैरी नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि नेशनल हाइवे पर बसे मालगांव और पंटोरा में सड़क पर पानी बहने लगा।

सिकासेर जलाशय के 17 गेट खोले गए

तीन दिनों से हो रहे झमाझम बारिश से 210 MCFT क्षमता वाला सिकासेर बांध लबालब भर गया है। बांध के 22 गेट में से 17 को खोल दिये गए हैं। अब 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध में लगी बिजली उत्पादन यूनिट भी चालू कर दी गई है। दोपहर से 2 यूनिट मेगावाट का उत्पादन प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।

राजिम के त्रिवेणी संगम में देर रात तक जल स्तर बढ़ने की संभावना

सिकासेर डैम के गेट खोलने से उसका पानी सीधे पैरी नदी से होकर निकलता है। इसके कारण राजिम में मौजूद त्रिवेणी संगम (पैरी, सोंढुर, महानदी) के पास देर रात तक जल स्तर बढ़ने की संभावना है। सिकासेर के कमांड एरिया में प्रशासन ने मुनादी करवा दी है। नदी किनारे बसे गांव पटोरा, चिखली, पाथर मोहन्दा, भिलाई, नहरगांव, मालगांव, बारूका, जलकुम्भी, गाहदर इन बस्तियों में पानी घुस गया है। इन गांवों को खाली कराने की नौबत आ गई है।

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