गरियाबंद। जिले में दो दिनों तक लगातार हुई बारिश का मंजर अब सामने नजर आने लगा है। बारिश के थमने के बाद जिला प्रशासन ने यहां हुए नुकसान का जायजा लेना शुरू कर दिया है। यहां सबसे ज्यादा प्रभाव गरियाबंद जिला मुख्यालय में पड़ा है और सैकड़ों की संख्या में लोगों के कच्चे मकान ढह गए हैं।

बाढ़ से हुआ भारी नुकसान
गरियाबंद के कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने बताया कि जिले में बाढ़ के चलते सबसे ज्यादा नुकसान गरियाबंद ब्लॉक में ही हुआ है, वहीं राजिम और देवभोग में आंशिक असर पड़ा है। अब तक किए गए सर्वे में 403 मकान ढह जाने और 322 हेक्टेयर फसल चौपट होने और कुछ पशुओं की मौत की जानकारी सामने आई है। पूरा सर्वे होने के बाद यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
बेघर हुए लोगों को मंगल भवन में मिला आसरा
गरियाबंद के नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फार मेमन ने बताया कि शहर में लगभग 50 मकानों में पानी घुस आया था। लगातार बारिश के चलते बड़ी संख्या में कच्चे माकन ढह गए। इससे बेघरबार हुए लगभग 250 लोगों को शहर के मंगल भवन में ठहराया गया है और उनके लिए भोजन तथा अन्य सामग्रियों का भी इंतजाम किया जा रहा है।
बाढ़ में बह गई सड़क, गांव बना टापू
गरियाबंद में भारी बारिश के चलते आयी बाढ़ की वजह से ग्रामीण इलाकों में काफी नुकसान हुआ है। यहां जब जलस्तर कम हुआ तब पता चला कि ग्राम घुटकू को नवापारा को जोड़ने वाली सड़क ही बह गई है। इससे गांव का दूसरे इलाकों से संपर्क टूट गया है। एक ग्रामीण ने सड़क का विजुअल वायरल करते हुए जिला प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस सड़क का जीर्णोद्धार करते हुए यहां से आवागमन को शुरू किया जाये।
बहरहाल जिले में नुकसान का राजस्व अमले द्वारा सर्वे किया जा रहा है और लोगों को हुए जल्द ही नुकसान की भरपाई की जाएगी।
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