बिलासपुर। पुलिस विभाग के दिवंगत इंस्पेक्टर के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति रूप में आरक्षक बनाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने इस प्रकरण में याचिकाकर्ता को एएसआइ (एम) के पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया गया है, लेकिन कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया जिसके बाद इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेेशक व डीआइजी प्रशासन को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मालिकराम रात्रे जांजगीर-चांपा जिले में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। सेवा में रहते हुए दिसंबर 2018 में उनका निधन हो गया था। जिसके बाद उनके बेटे पवन रात्रे ने एएसआइ (एम) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए देने के लिए आवेदनपत्र प्रस्तुत किया था। लेकिन पुलिस अधीक्षक ने उन्हें आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रस्ताव रखा था।
इसके खिलाफ पवन रात्रे ने अपने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व दीपिका सन्नाट के माध्म से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में ये बताया गया कि याचिकाकर्ता उच्च शिक्षित है। वे इलेक्ट्रानिक एवं टेलीकम्यूनिकेशन में इंजीनियरिंग किए हैं। इसके बाद भी विभाग द्वारा उन्हें आरक्षक की नियुक्ति दी जा रही है। याचिकाकर्ता पीजीडीसीए एवं एनसीसी- ए सर्टिफिकेट धारी भी है। इसलिए उन्होंने ये याचिका में उनकी उच्च योग्यता के आधार पर उन्हें एएसआइ (एम) के पद पर नियुक्ति दी जाए, इसकी मांग की है।
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