COURT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हिन्दी माध्यम स्कूलों को बंद करा कर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल चलाए जाने को हाईकोर्ट में चुनौत दी गई है। मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में हुई। इस मामले में उच्च न्यायालय ने सरकार से 10 दिनों में जवाब मांगा है।

अधिवक्ता आनंद केशरवानी के माध्यम समाजसेवी देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि नटवर हायर सेकेंडरी में 930 बच्चे हिंदी माध्यम से पढ़ रहे थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल स्कूल में भी 100 से 150 बच्चे पढ़ रहे हैं। दोनों स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम कर दिया गया है। बच्चों को स्कूल से निकालना उनके शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पूर्वजों ने नटवर स्कूल की जमीन को दान में दिया था। इसके पीछे उनका उद्देश्य था कि क्षेत्र के गरीब वर्ग के बच्चों के लिए स्कूल की व्यवस्था हो और उनके शिक्षा की मूलधारा से जोड़ा जाए। अब इस स्कूल को अंग्रेजी माध्यम बनाने व बच्चों को स्कूल से बाहर करने से उनके पूर्वजों के जमीन दान करने का उद्देश्य अधूरा रह जाएगा।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आनंद केशरवानी ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत किसी भी व्यक्ति व छात्र को अपनी मातृ भाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। राज्य सरकार ने हिंदी माध्यम स्कूल को बंद कर अंग्रेजी माध्यम बनाकर शिक्षा के अधिकार कानून का भी उल्लंघन किया है। इसी तरह याचिका में एनसीईआरटी के प्रावधान के अनुसार राज्य शासन को हिंदी माध्यम स्कूल को बंद कर उसे अंग्रेजी माध्यम करने का अधिकार नहीं है।

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