रायपुर। भाजपा लगातार विपक्ष पर दोषरोपण कर रही हैं हालही में भाजपा द्वारा ये आरोप लगाया गया की कांग्रेस सरकार ने कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत दिए गए चावल में कांग्रेस सरकार ने 1500 करोड़ से अधिक का चावल घोटाला किया है। इस मुद्दे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए 7-8 अक्टूबर को प्रदेश भर के राशन दुकानों में प्रदर्शन करने की बात कही। इसके बाद भाजपा 11-12 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में एसडीएम कार्यालय का घेराव करेगी।


निष्पक्ष जांच की मांग
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर दो महीने और चावल बढाने की मांग की थी। जिसके बाद दीवाली तक सभी ज़रुरतमंदों को मुफ्त चावल देने की घोषणा की। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने 1 लाख 385 टन अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल प्रति महीने के मान से इससे दो करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था। लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। बीजेपी ने आरोप लगाया है की करीब कांग्रेस सरकार ने1.5 करोड़ गरीबों के मूंह से निवाला छीना है।

विधनासभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नुलाल मोहले समेत भाजपा विधायकों के सवाल के जवाब में शासन ने स्वीकार किया है कि प्रति माह 1 लाख 385 टन अतिरिक्त चावल केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ को आवंटित किया जा रहा है।

विष्णुदेव साय ने यह भी कहा की यह शेष अनाज कहां जा रहा है, यह जांच का विषय है। यहां तक कि शासन के एक मंत्री ने इस बड़ी ‘गड़बड़ी’ को स्वीकार भी किया था, लेकिन ऐसे घोटाले जारी हैं। प्रदेश में प्राथमिकता समूह के राशन कार्ड पर मई से नवम्बर 2021तक के लिए 5 किलो प्रति सदस्य के मुताबिक 7 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ शासन को मिला, परन्तु उसका लाभ यहां ज़रूरतमंद हितग्राहियों तक सरकार ने नहीं पहुंचाया है।

32 सौ रुपये प्रति क्विंटल किया वसूल
औसतन एक राशन कार्ड पर तीन से चार सदस्य होते हैं, जिसमें 1, 2 और 3 सदस्यों तक वाले राशनकार्ड पर यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस मान से अगर एक मोटा अनुमान लगाया जाय तो लगभग दो तिहाई लोगों के हिस्से का चावल गबन कर लिया जा रहा है। यानी गरीबों के हिस्से का लगभग पांच लाख टन चावल राज्य सरकार हड़प गयी है। इससे पहले भी राज्य शासन ने पंचायतों को दिए एक-एक क्विंटल चावल की कीमत 32 सौ रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया था जबकि कांग्रेस उसे मुफ्त देने की बात कर रही थी। अतः चावल का सरकारी रेट 32 रुपया किलो के मान से मोटे तौर पर यह घोटाला 16 सौ करोड़ से अधिक का है।
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