68 साल बाद आखिरकार घर लौटी एयर इंडिया... रतन टाटा संभालेंगे कमान, सरकार ने लगाई मुहर
Image Source- Google

टीआरपी डेस्क। आखिरकार 68 साल बाद एअर इंडिया की घर वापसी हो गई है। टाटा ग्रुप 18,000 करोड़ रुपए में इस कंपनी को फिर से खरीद लिया है। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने किया। टाटा के हाथ एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी।

एअर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल ने एयर इंडिया की फाइनेंशियल बोली पर फैसला लिया है। इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल हैं। दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय बोलते हुए कहा कि कई बार बोली के लिए आवेदन मांगे गए, लेकिन फाइनली सितंबर में दो बिडर के नाम फाइनल हुए। एअर इंडिया के सभी कर्मचारियों का ध्यान रखा जाएगा। उन पर इसका असर नहीं होगा।

बता दें कि एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह (ajay singh) ने बोली लगाई थी। बता दें कि दिसंबर तक टाटा को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है। बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस (Tata airlines) की स्थापना की थी। अब 68 साल बाद वापस एअर इंडिया को टाटा ग्रुप ने सबसे अधिक बोली लगाकर खरीद लिया है।

सरकार एयर इंडिया को बेच क्यों रही है?

2007 में सरकार ने एअर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस (Indian airlines) का मर्जर कर दिया था। मर्जर के पीछे सरकार ने फ्यूल की बढ़ती कीमत, प्राइवेट एयरलाइन कंपनियों से मिल रहे कॉम्पिटीशन को वजह बताया था। हालांकि, साल 2000 से लेकर 2006 तक एअर इंडिया मुनाफा कमा रही थी, लेकिन मर्जर के बाद परेशानी बढ़ गई।

कंपनी पर 31 मार्च 2019 तक 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज था। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमान लगाया गया था कि एयरलाइन को 9 हजार करोड़ का घाटा हो सकता है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर