रेप के दोषी जज को 10 साल के कठोर कैद की सजा, क़ानूनी मदद मांगने वाली महिला को बनाया था शिकार
रेप के दोषी जज को 10 साल के कठोर कैद की सजा, क़ानूनी मदद मांगने वाली महिला को बनाया था शिकार

जम्मू। जम्मू-कश्मीर की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने आज एक पूर्व जज के खिलाफ फैसला सुनाया। दुष्कर्म के दोषी इस जज को 10 साल के कठोर कारावास और 50,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। घर में नौकरानी से फर्जी शादी के बाद दुष्कर्म करने के आरोप में 12 जनवरी, 2018 को राजेश पर केस दर्ज हुआ था। न्यायिक व्यवस्था में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक न्यायिक अधिकारी को दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया गया है। वीरवार फास्ट ट्रैक कोर्ट के प्रिसाइडिंग अफसर खलील चौधरी ने इस मामले पर सुनवाई की।

2018 में कानूनी मदद मांगने वाली एक महिला से दुष्कर्म और धोखाधड़ी के लिए न्यायिक अधिकारी को दोषी ठहराने के दो दिन बाद, जम्मू की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने आज उसे दस साल के कठोर कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

जम्मू के दोषी राजेश कुमार अबरोल को धोखाधड़ी के मामले में भी सात साल जेल और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज खलील चौधरी ने कहा कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी

ये है मामला

एक महिला नगरोटा के बन टोल प्लाजा के पास अपनी बेटी के साथ रहती थी, जो पति से मतभेद के मामले में जज से मिली थी। एक अन्य महिला के जरिये पीड़िता की राजेश अबरोल से मुलाकात हुई। जज ने महिला से कहा कि वह उसकी कानूनी मदद करेगा। साथ ही उसको अपने घर नौकर रख लिया।
एक दिन जब जज को पता चला कि वह अपने घर जा रही है, तो उसने मांग भर दी। वहीं, बच्ची को पढ़ाने सहित हर माह पांच हजार रुपये देने का आश्वासन दिया। इसके बाद उससे दुष्कर्म करता रहा। बाद में पता चला कि जज की एक और पत्नी भी है। इसे लेकर जज और पीड़िता में बहस हुई। यहां तक कि जज ने उस पर गोली चला दी। यह मामला कोर्ट में पहुंचा और एसएसपी जम्मू को मामले की जांच के आदेश दिए।
जज खलील चौधरी ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी को अधिक जिम्मेदार होना पड़ता है। आरोपी के खिलाफ पेश किए गए सबूत उसके दोषी होने की पुष्टि करते हैं। लिहाजा वह आरोपी साबित होता है।

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