रायपुर। बुधवार को यूपी और हिमाचल दौरे से रायपुर लौटे सीएम बघेल ने एक दिसंबर से धान खरीदी की घोषणा की, जिससे लेकर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी नेताओं इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग कांफ्रेंस कर रही है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में हर साल एक नवंबर से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की जाती थी।


इस क्रम में राजधानी के भाजपा कार्यालय में दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सरकार को किसानों के मुद्दों को लेकर कटघड़े में खड़ा किया। वहीं धान खरीदी के मुद्दे ,एमएसपी की बढ़ी हुई रकम किसानों को ना मिलने व अन्य विषयों को लेकर राज्यपाल के नाम रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

बृजमोहन ने धान खरीदी को लेकर सरकार से मांग की कि एक नवंबर से धान खरीदी शुरू किया जाय, अन्यथा किसानों को केवल 1 महीने में प्रदेश में 10,000 करोड़ का नुकसान होगा। इसी तरह केंद्र सरकार लगातार फसलों के एमएसपी में वृद्धि करती जा रही है लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इस दौरान जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, नरेंद्र साहू , छगन मूंदड़ा आदि नेता भी मौजूद रहे।

भाजपा ने रखी यह मांग
- धान खरीदी हर हाल में एक नवंबर से प्रारंभ करे।
- धान की पूरी कीमत का भुगतान एकमुश्त हो। पिछला बकाया भुगतान तुरंत हो।
- केंद्र द्वारा एमएसपी में लगातार किये गए वृद्धि का लाभ किसानों को देना सुनिश्चित हो।
- गिरदावरी के बहाने रकबा कटौती पर पूरी तरह रोक लगाए जाएं।
- कांग्रेस की घोषणा के अनुरूप किसानों का दाना-दाना धान खरीदे जाएं।
- घोषणा पत्र में किये वादे अनुसार किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस दिए जायें।