राहत की खबर : कोरोना के AY.4.2 वैरिएंट की तीव्रता बहुत कम, इसलिए चिंताजनक नहीं, INSACOG ने जारी किया रिपोर्ट
राहत की खबर : कोरोना के AY.4.2 वैरिएंट की तीव्रता बहुत कम, इसलिए चिंताजनक नहीं, INSACOG ने जारी किया रिपोर्ट

टीआरपी डेस्क। देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ कोरोना वैक्सिनेशन अभियान जारी है। इसी बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। दरअसल कोरोना के नए वैरिएंट एवाई.4.2 की तीव्रता अन्य सभी वैरिएंट  की तुलना में बहुत कम होकर 0.1 फीसदी है। यह इतनी कम है कि चिंताजनक नहीं मानी जा सकती। 

इंडियन सॉर्स-कोर्व-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इंसाकॉग के साप्ताहिक बुलेटिन में कहा गया है कि अन्य डेल्टा वेरिएंट से तुलना करने पर AY.4.2 की प्रभावशीलता अलग नहीं लगती है। 

इंसाकॉग का कहना है कि एवाई.4.2 वैरिएंट की तीव्रता अन्य सभी वैरिएंट्स आफ कंसर्न या वैरिएंट आफ इंट्रेस्ट (VOC/VOI) के मुकाबले इस बार 0.1 फीसदी से भी कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में ऐसा कोई बॉयोलॉजिकल आधार नहीं है, जिससे इस वैरिएंट की संक्रामकता बढ़ने का महामारी के संदर्भ में आकलन किया जा सके। इसकी आगे जांच चल रही है। 

इंसाकॉग ने कहा कि डेल्टा (B.1.617.2 और AY.x) भारत में अब भी नए वैरिएंट आफ कंसर्न (VOC) या वैरिएंट आफ इंट्रेस्ट (VOI) बने हुए हैं। भारत में डेल्टा का पहला दौर पिछले साल अक्तूबर में आया था। इसके कारण देश में भयावह दूसरी कोराना लहर चली थी और यह अप्रैल मई में पीक पर थी। 

जानें क्या है INSACOG

इंसाकॉग देश की 28 राष्ट्रीय लेबोरटरी का महासंगठन है। इसकी स्थापना दिसंबर 2020 में की गई थी। इसका मकसद सॉर्व कोव 2, जिसके कारण कोरोना महामारी फैली है, के जीनोमिक वैरिएंट्स पर नजर रखना था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन होकर यह देशभर में अपने नेटवर्क के जरिए कोरोना के नए वैरिएंट्स पर नजर रखता है। 

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