जहर बनकर राजधानी में फैल रही हवा, प्रदूषण कम करने के लिए लागू होगा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, जानें क्या है इसमें खास
जहर बनकर राजधानी में फैल रही हवा, प्रदूषण कम करने के लिए लागू होगा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, जानें क्या है इसमें खास

दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में दीपावली के अवसर पर जमकर की गई आतिशबाजी के चलते में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब हो गई है। एनसीआर में प्रदूषण से बहुत बुरा हाल बना हुआ है, विगत दिनों एनसीआर के सारे प्रमुख शहर को ‘डार्क रेड जोन’ में पहुंच गए था,जिसकी जानकारी प्रदूषण मापने वाले ऐप ‘समीर’ के अनुसार, दी गई थी।

इसी बीच सीपीसीबी की ‘उप-समिति ने सोमवार को एक बैठक बुलाई थी और उसने वायु गुणवत्ता दर्जे, मौसम एवं वायु प्रदूषण अनुमान की समीक्षा की कहा कि अगले 5 दिनों के दौरान पराली जलाने का वायु प्रदूषण में योगदान और बढ़ेगा तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के आखिरी छोरों बीच रहेगा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राजधानी में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कुछ सुझाव दिए हैं जिसमें सड़कों की मशीनीकृत सफाई और सड़कों पर पानी के छिड़काव में वृद्धि करने, सभी ईंट भट्टों को बंद रखने और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मौजूदा प्राकृतिक गैस आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन को अधिकतम करने जैसे उपाय शामिल हैं।

स्थिति का जायजा लेते हुए बोर्ड ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को सड़कों पर पानी के छिड़काव के साथ-साथ श्रेणीबद्ध कार्रवाई योजना (ग्रैप) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। संबंधित एजेंसियों को संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों एवं समितियों को रोजाना रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

समीर एप’ ने दिए थे चौकाने वाले आकड़ें

‘समीर’ ऐप के अनुसार, शनिवार को गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 466 दर्ज किया गया, जबकि ग्रेटर नोएडा में 414, नोएडा में 461, फरीदाबाद में 449, दिल्ली में 437, बल्लभगढ़ में 431 और गुरुग्राम में 456 दर्ज किया गया था।

जरूरी निर्देश जारी किए हैं

  • सभी हॉट-मिक्स प्लांट और स्टोन-क्रशर बंद करने के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में सभी एजेंसियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कम कीमतें तय करने को कहा है ताकि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें।
  • राज्यों को एनसीआर में कोयला आधारित संयंत्रों के संचालन को कम करने के लिए गैस आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन को बढ़ाने की बात कही गई है।
  • नगर-निगम के अधिकारियों को सड़कों की मशीनीकृत सफाई करने और पानी के छिड़काव के काम को तेज करने को कहा गया है।
  • इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल ईंट भट्टे बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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