यूनीपोल घोटालाः

रायपुर। छत्तीसगढ़ औद्योगिक व व्यापारिक नजरिए से देश के नक्शे में तेजी से उभरा है। यह व्यापारियों के लिए पसंदीदा स्थल बन चुका है। औद्योगिक दृष्टी से यहां निवेशक भी निवेश करने हेतु खिंचे चले आ रहे हैं। मगर रायपुर शहर की बात करें तो आज भी यहां विकास की रफ्तार अब भी सुस्त हैं।

वर्तमान में राजधानी रायपुर की जनसंख्या करीब 15 लाख के करीब पहुंच चुकी है। इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए विकास कार्यों की गति को रफ्तार देने के लिए नगर निगम को महानगर पालिका बनाए जाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

बता दें कि 2014 में नगर निगम की सामान्य सभा में रायपुर को महानगर पालिका बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। तब यह विशेष प्रस्ताव जिससे शहर के लोगों का भल होता निगम में हंगामें की भेंट चढ़ गया। 2014 में रायपुर और बीरगांव को मिलाकर महानगर पालिका बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। वर्तमान में बीरगांव खुद नगर निगम बन चुका है। साथ ही रायपुर नगर निगम को महानगर पालिका बनाने का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में चला गया है।

कहां अटका है मामला

रायपुर नगर निगम को महानगर पालिका बनाने के लिए शहर राजधानी के 70 वार्डों का परिसीमन नए सिरे से करना होगा। बता दें कि 12 साल पहले रायपुर नगर निगम में पहले 54 वार्ड थे, लेकिन बढ़ती आबादी के बाद अब 70 वार्ड हो गए हैं। निगम को महानगर पालिका बनाने के लिए 100 वार्ड शामिल किए जाएंगे। मगर अबतक नगर निगम में महानगर पालिका बनाए जाने को लेकर कोई प्रस्ताव ही तैयार नहीं किया गया है। बता दें कि पिछला परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक वार्डों में जनसंख्या को बराबर किया गया है। 2011 में शहर की जनसंख्या करीब 11 लाख थी। यह अभी 15 लाख के पार पहुंच चुकी है।

बता दें कि 23 नवंबर को निगम में सामान्य सभा प्रस्तावित है। महानगर पालिका बनाने का प्रस्ताव सबसे पहले एमआईसी की बैठक में पारित किया जाएगा। इसके बाद सामान्य सभा से पास किए जाने के बाद यह प्रस्ताव राज्य सरकार के पास फिर केंद्र के पास सहमति के लिए जाएगा।

इस तरह शहर बनेगा महानगर पालिका

वर्तमान में रायपुर 215 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। मगर महानगर पालिका के लिए इसका दायरा करीब 400 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जाएगा। जिसमें डूंडा से सेजबहार के आगे तक का बड़ा क्षेत्र शामिल किया जाएगा। इसके अलावा जोरा और पुराने धमतरी क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा।

महानगर पालिका बनने के लाभ

  • कई केंद्रीय योजनाएं जिनका लाभ नगर निगम के लिए नहीं महानगर पालिका के लिए बनाई जाती हैं उनका लाभ शहर व यहां रह रहे लोगों को मिलेगा।
  • जनसंख्या आधारित विकास योजनाओं का मिलेगा लाभ
  • विकास योजनाओं को नई रफ्तार मिलेगी
  • केंद्र से शहर के विकास के लिए अधोसंरचना मद के तहत अधिक फंड मिलेगा।
  • इससे महानगर पालिका में रहने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा। संपत्ति की कीमत बढ़ने के साथ ही लोगों को अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

शहर के लोगों को बेहतर सुविधाएं देने महानगर पालिका बनना जरूरी

वर्तमान में राजधानी रायपुर से 26 से ज्यादा विमानों की सुविधा है। रायपुर हर मायने में एक बड़ा व्यापारिक केंद्र बन चुका है। ऐसे में जो सुविधाएं शहर के लोगों को मिलनी चाहिए वह सुविधाएं फिलहाल नहीं मिल पा रही है। शहर के लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रायपुर नगर निगम को महानगर पालिका बनाने की कवायद अब जरूरी है।

प्रमोद दुबे, सभापति (नगर निगम रायपुर)

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