गांव के बच्चों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दिखाया अपना टैलेंट, Agriculture से जुड़ा प्रोजेक्ट किया तैयार, देशभर के शीर्ष 60 मॉडल में हुए चयनित
गांव के बच्चों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दिखाया अपना टैलेंट, Agriculture से जुड़ा प्रोजेक्ट किया तैयार, देशभर के शीर्ष 60 मॉडल में हुए चयनित

रायपुर। छत्तीसगढ़ के गांव के बच्चों का टैलेंट अलग-अलग क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। कोई अपने सिंगिंग से दुनिया में फेमस हो रहे है तो कोई शैक्षणिक क्षेत्र में उभर रहे है।

इसी कड़ी में ग्रामीण इलाके के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले तीन बच्चों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में कमाल का काम किया है। महासमुंद के एक सरकारी स्कूल की छात्रा परमेश्वरी यादव ने AI का इस्तेमाल कर धान की फसल में बीमारियों की पहचान का प्रोजेक्ट बनाया है।

वहीं इसी स्कूल के वैभव देवांगन और धीरज यादव ने फसलों के बीच उगे खरपतवार की सटीक पहचान वाला प्रोजेक्ट बनाया है। इन तीनों विद्यार्थियों के दोनों प्रोजेक्ट केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रतियोगिता के शीर्ष 60 मॉडल में चयनित हुए हैं।

विशेष कार्यक्रम में अपने प्रोजेक्ट हेतु किया जाएगा आमंत्रित

देशभर से चयनित इन परियोजनाओं से जुड़े विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर अब उनके आइडिया को वर्किंग प्रोटोटाइप में ढाला जाएगा। उनका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विशेषज्ञ द्वारा ऑनलाइन साक्षात्कार होगा। बाद में उनमें से टॉप 30 को अंतिम रूप से विजेता घोषित किया जाएगा। विजेताओं को दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम में अपने प्रोजेक्ट प्रदर्शन हेतु आमंत्रित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के लिए कुल 52 हजार 628 छात्र पंजीकृत हुए थे।

परमेश्वरी के इस मॉडल की सहायता से किया जाएगा धान के बीमारी का पता

महासमुंद के नर्रा स्थित शासकीय कुलदीन निगम उच्चतर माध्यमिक स्कूल की परमेश्वरी यादव ने जो प्रोजेक्ट बनाया है वह धान की फसलों में लगने वाली बीमारियों का पता लगाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक से बना सॉफ्टवेयर सही समय पर बीमारियों का पता लगाकर उनके उपचार के लिए उचित दवाइयों का सुझाव देगा।

वैभव-धीरज का मॉडल फसलों में खर-पतवार की करेगा पहचान

इसी स्कूल के वैभव देवांगन और धीरज यादव ने खेती के काम में आने वाला मॉडल ही बनाया है। इन दोनों का मॉडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग कर फसलों में खर-पतवार की पहचान करेगा। वह न सिर्फ उनकी मौजूदगी बताएगा बल्कि उनका प्रकार, मात्रा और सघनता की भी जानकारी देगा। इसमें इस्तेमाल सॉफ्टवेयर खरपतवार नियंत्रण के लिए जरूरी सलाह भी देगा।

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