गहलोत की नई कैबिनेट तैयार, पायलट ने कहा- 2023 में दोबारा सत्ता में आएगी कांग्रेस
गहलोत की नई कैबिनेट तैयार, पायलट ने कहा- 2023 में दोबारा सत्ता में आएगी कांग्रेस

जयपुर। राजस्थान में महीनों तक चली सियासी हलचल के बीच आज नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण होने जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी तकरार धीरे-धीरे शांत पड़ती जा रही। इसी बीच सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि जो कुछ कमियां थीं, उस पर कांग्रेस हाईकमान ने ध्यान दिया और उसे पूरा किया। पायलट ने कहा कि मंत्रिमंडल की नई सूची से अच्छा और साकारात्मक संदेश गया है।

पूरी कांग्रेस एकजुट होकर कर रही है काम – पायलट

आज सुबह सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस एकजुट होकर काम कर रही है। आज राजस्थान में हर वर्ग कांग्रेस के साथ जुड़कर काम कर रहा है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जिस तरह मौका दिया गया है उससे वह संतुष्ट हैं। 2023 में कांग्रेस दोबारा सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देश पर पूरी निष्ठा से काम करूंगा।

15 नए मंत्री शाम 4 बजे लेंगे शपथ

मीडिया को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने भाजपा पर भी निशाना साधा। पायलट ने कहा कि भाजपा धीरे-धीरे हाशिए पर जा रही है। गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद 15 नए मंत्री शनिवार को शपथ लेंगे, जिनमें से 11 कैबिनेट मंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम चार बजे राजभवन में होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट मंत्री के रूप में हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत को शपथ दिलाई जाएगी। वहीं, विधायक जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

सचिन पायलट खेमे से पांच मंत्री

सचिन पायलट खेमे के जिन लोगों को मंत्रालय में शामिल किया गया है, उनमें विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा और हेमाराम चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं, इसके अलावा बृजेंद्र ओला और मुरारी मीणा राज्य मंत्री हैं।
हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी नेता हैं। पिछले साल अशोक गहलोत ने इन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। इसको लेकर सचिन पायलट नाराज चल रहे थे, लेकिन गहलोत ने फिर से सचिन पायलट के करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

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