कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले बिल को कैबिनेट से मिली मंजूरी, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ जल्द होगा प्रकाशित
कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले बिल को कैबिनेट से मिली मंजूरी, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ जल्द होगा प्रकाशित

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मंजूरी मिल गई है। 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा से सरकार और किसानों के बीच पिछले 14 महीने से चल रहा टकराव खत्म होने की उम्मीद बनी है। मंजूरी देते वक़्त केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया की तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

समिति का करेगी गठन

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि केंद्र इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा और आवश्यक विधेयक लाएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी।

राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही होगा प्रकाशित

भारत सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा बुलेटिन में द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 को सूचीबद्ध किया गया है।तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को आगामी संसद सत्र में पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों से कानूनों की वापसी का विधेयक पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाएंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही उसे बजट में प्रकाशित किया जाएगा।

लोकसभा बुलेटिन के अनुसार द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 विधेयक ‘किसान’ उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन समझौता, कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को निरस्त करने के लिए पेश किया जाएगा।

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