नेशनल डेस्क। राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को एक मां ने सबकी आंखें नम कर दीं। बेटे की शहादत का गम सीने में दबाए सारा बेगम जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगे खड़ी हुईं तो थरथरा रही थीं। उम्र इतनी हो चली है कि फेफड़े पूरी सांस भी नहीं लेने देते। एक वक्त तो साथ खड़ी महिला पुलिसकर्मी को उनके कंधे पर हाथ रखना पड़ा। जब जम्मू-कश्मीर के एसपीओ बिलाल अहमद माग्रे की वीरगाथा सुनाई जा रही थी, सारा बेगम नम आंखों से बेटे को याद कर रही थीं।

2019 में बारामूला में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान माग्रे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बावजूद नागरिकों को निकालने और आतंकवादियों का मुकाबला करने में अदम्य साहस दिखाने के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने मंगलवार को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
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