बस्तर में जारी है सहायक आरक्षकों का आंदोलन, भाजपा ने कहा-पहली बार पुलिस बल ने हथियार जमा कर कामकाज किया बंद
बस्तर में जारी है सहायक आरक्षकों का आंदोलन, भाजपा ने कहा-पहली बार पुलिस बल ने हथियार जमा कर कामकाज किया बंद

रायपुर। राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि छत्तीसगढ़ में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल अपने हथियार जमा कर आंदोलन पर उतरा और अपने घर लौट गया। आंदोलनकारी सहायक आरक्षकों के परिवार की महिलाओं व बच्चों पर जो लाठीचार्ज हुआ वह निंदनीय है।

एकात्म परिसर में आज मीडिया से बातचीत करते हुए रामविचार नेताम ने कहा कि सहायक आरक्षकों के परिजन 6 दिसंबर से वेतन, नियमितीकरण, अनुकंपा नियुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। उन्होंने जब पुलिस मुख्यालय घेराव की घोषणा की तब सरकार के आदेश पर पुलिस अधिकारियों द्वारा आंदोलनकारी पुलिस परिवार पर लाठीचार्ज कराया गया। उधर बस्तर में अपने परिवार के अपमान से व्यथित लगभग 1400 आरक्षकों ने अपने हथियार थानों में जमा करा दिए हैं। गंभीर बात है कि यह घटना देश के सबसे बड़े आंतरिक समस्या नक्सलवाद के गढ़ धुर नक्सली इलाके बीजापुर की है। नक्सली क्षेत्रों में यह सहायक आरक्षक पुलिस व सेना के लिए सबसे बड़ा सहायक साबित होते हैं क्योंकि उन्हें स्थानीय भौगोलिक स्थिति और भाषा की जानकारियां होती है।

रामविचार नेताम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पूरे घटनाक्रम को संभालने में पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। उनका ज्यादातर समय उत्तरप्रदेश में बीत रहा है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को त्वरित सुलझाने की जगह, इस पर एक कमेटी गठित कर दी। सरकार कमेटी-कमेटी ना खेले। जब से यह सरकार बनी है, तब से ना जाने कितनी कमेटियां और एसआईटी गठित हो चुकी हैं। नेताम ने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार इस पर त्वरित कार्यवाही नहीं करती है तो भाजपा इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्री तक लेकर जाएगी।

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