रायपुर : केन्द्र सरकार की अधिकांश योजनाएँ राज्य सरकारों के सहयोग से चलती हैं। जिसमें राज्यांश न्यूनतम रखा जाता है। पर केन्द्र सरकार के द्वारा 11 योजनाओं के राज्यांश में बढ़ोत्तरी कर दी गई है। इस बढ़ोत्तरी का दायरा 5 से लेकर 40 प्रतिशत तक है। जिसके प्रभाव से विगत 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ के तरफ से केंद्रीय योजनाओं की साझोदारी में 190 फिसदी वृद्धि हो गई है। इस कारण राज्य को दो योजनाओं की लागत जितनी राशि राज्यांश के रुप में देनी पड़ रही है। इस पर पर्देश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी आपत्ती जताई है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के राज्यांश में 40 फीसदी बढ़त

जानकारी के अनुसार 11 केन्द्रीय योजनाएँ जिनके राज्यांश में वृद्धि की गई है उनमें सर्वाधिक वृद्धि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के राज्यांश में की गई है। बजट वर्ष 2014-15 से लेकर 2021-22 में इस राज्यांश में 40% की वृद्धि हो गई है। 2014-15 तक इस योजना का पूरा खर्चा केन्द्र सरकार वहन करती थी। लेकिन अभी केन्द्र इसकी योजना का 60% व्यय देती है और 40% व्यय राज्य सरकार को वहन करना पड़ रहा है।

इसी तरह जल जीवन मिशन के 25% राज्यांश में बढ़ोत्तरी करके उसे 50% कर दिया गया है, इसी तरह एकीकृत बाल विकास योजना में 15% राज्यांश को बढ़ाकर 40% किया गया है।

11 योजनाओं में केन्द्र-राज्य साझेदारी (पहले और अब)

 क्रमांकयोजनाएं2014-15 (प्रतिशत में)2021-22 (प्रतिशत में)बढ़ोत्तरी (प्रतिशत में)
01प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना100-0060-4040
02राष्ट्रीय बागवानी मिशन80-8560-4025
03एकीकृत बाल विकास योजना85-1560-4025
04जल जीवन मिशन75-2550-5025
05मनरेगा90-1075-2515
06इंदिरा आवास (प्रधानमंत्री आवास)75-2560-4015
07राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन75-2560-4015
08राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान75-2560-4015
09राजीव आवास (प्रधानमंत्री आवास)70-3060-4010
10मध्यान्ह भोजन70-3060-4010
11सर्वशिक्षा अभियान65-3560-405

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