नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार 17 दिसंबर को राज्यसभा में यह ऐलान किया कि लड़कियों के विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु को बढ़ाकर 18 साल से पुरुषों के बराबर 21 साल करने संबंधी विधेयक अगले सप्ताह सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। उच्च सदन में संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने यह घोषणा की थी। जिसके बाद आज लोकसभा में यह विधेयक प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद इसे लेकर विपक्ष ने जमकर विरोध किया और भारी बवाल के बीच सदन की कार्यवाही कल 22 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इस विधेयक में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है।

ओवैसी ने जताई नाराजगी

इस विधेयक पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “यह फैसला अनुच्छेद 19 के अंतर्गत स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है। 18 साल का बच्चा पीएम चुन सकता है, लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकता है लेकिन आप शादी के अधिकार से इनकार कर रहे हैं। आपने 18 साल के बच्चे के लिए क्या किया है? भारत में महिला श्रम शक्ति की भागीदारी सोमालिया से भी कम है।”

टीएमसी ने किया विधेयक का विरोध

टीएमसी ने कहा कि सरकार जिस तरह से बिल जल्दबाजी में लाई है मैं उसका विरोध करता हूं। इस विधेयक पर हित धारकों के बीच पूर्ण चर्चा की आवश्यकता है। अल्पसंख्यक लोग इस बिल का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं।

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