उत्तर प्रदेश : राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने तैयारियों के लिए कमर कस ली है। इसी के तहत कांग्रेस के द्वारा “बनें यूपी की आवाज़” नामक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिला प्रवक्ताओं का चयन किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस का प्रवक्ता बनना अब आसान नहीं है। कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता के चयन हेतु बाकायदा परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। यह परीक्षा पूरी तरह से व्यावसायिक परीक्षा के रूप में आयोजित की जा रही है।

UP Election 2022: बनें यूपी की आवाज, करिए अपनी आवाज बुलंद, कांग्रेस का एक और दांव

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के चुनाव के लिए परीक्षा का में तय समय सीमा 45 मिनट के अंदर ही 20 प्रश्न ऑब्जेक्टिव और 2 सवालों के जवाब देने होते हैं। सुनने में तो यह आसान लगता है पर परीक्षा का पैटर्न किसी व्यवसायिक परीक्षा से कम नहीं है। जिसके कारण प्रवक्ता बनने के इच्छुक लोगों को यूपीएससी एग्जाम जैसै एग्जाम का सामना करना पड़ रहा है।

इस तरह के हैं परीक्षा में सवाल

  • RSS संगठन खतरनाक क्यों है?
  • उत्तर प्रदेश में कितने ब्लॉक और विधानसभा क्षेत्र हैं?
  • लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कितनी सीटें आरक्षित हैं?
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा में कितनी सीट हैं?
  • योगी सरकार क्यों विफल मानी जा रही है?
  • मनमोहन सरकार क्यों बेहतर थी?
  • केंद्र में कांग्रेस सरकार की क्या-क्या उपलब्धियां रही हैं?
  • उत्तर प्रदेश में कितनी लोकसभा सीटें हैं?
  • 2004 और 2009 में कांग्रेस ने कितनी सीटें जीती थीं?

भरना होता है परीक्षा फॉर्म

जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू लिए जा रहे हैं, और एक लिखित परीक्षा भी ली जा रही है। इसके पहले प्रवक्ता बनने के उम्मीदवार से एक फॉर्म भरवाया जाता है। इसमें नाम, जन्मतिथि, शिक्षा, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी जैसी सामान्य जानकारी देनी होती है। इसके अलावा सोशल मीडिया से जुड़ी जानकारी भी उम्मीदवारों को उपलब्ध करानी होती है। जैसे- ट्वीटर पर कितने फॉलोवर्स हैं, यूट्यूब चैनल का नाम क्या है, फेसबुक पेज का नाम क्या है?

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