पूर्व प्रधानमंत्री की 'अटल' योजनाएं, देशहित में किये अभूतपूर्व फैसले
पूर्व प्रधानमंत्री की 'अटल' योजनाएं, देशहित में किये अभूतपूर्व फैसले

नेशनल डेस्क। अटल बिहारी वाजपेयी, यह वो नाम है जिसने देश के अर्थव्यवस्था की दशा ही बदल डाली थी। इनके कार्यकाल में कई ऐसे फैसले किये गए थे जिसने देश में विकास और तरक्की के नए आयाम मिले थे। फिर चाहे वो सड़क बनाने की योजना हो या शिक्षा क्रांति हो, इस प्रकार के कई फैसले बाजपेयी के कार्यकाल में लिए गए थे।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन पर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने ट्वीट कर बाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा ”आदरणीय अटल जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।”

इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के अवसर पर हम आपको उनके कार्यकाल में लिए गए कुछ बेहतरीन फैसलों के बारे में बताएंगे जिन फैसलों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में सड़कों का काफी महत्त्व होता है। वाजपेयी के कार्यकाल में सड़को का विकास बखूबी हुआ है। अपने प्रधानमंत्री के रूप मे उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत की थी। बता दें कि स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत चार महानगरों (चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई) को हाईवे नेटवर्क से जोड़ा गया। इसके साथ ही ग्राम सड़क योजना का लक्ष्य गांवों को शहरों से पक्की सड़क से जोड़ना था।

विनिवेश योजना

वाजपेयी के कार्यकाल में पहली बार विनिवेश मंत्रालय का गठन किया गया था। एक प्रधानमंत्री के तौर पर बाजपेयी ने निजीकरण या विनिवेश पर काफी जोर दिया था। उस वक़्त बाजपेयी के इस फैसले की विपक्ष ने बहुत आलोचना की थी। उन दिनों विनिवेश मंत्रालय की जिम्मेदारी अरुण शौरी को सौंपी गई थी। अरुण शौरी की अध्यक्षता में भारत एल्यूमिनियम कंपनी (बाल्को) समेत कई अन्य कंपनियो का निजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

अंत्योदय अन्न योजना

गरीबी अब भी एक बड़ा मुद्दा है और तब भी एक बड़ी समस्या थी। बतौर पीएम वाजपेयी ने अंत्योदय अन्न योजना की शुरुआत की थी जिससे गरीबों को भोजन मिल सके। इस योजना के तहत राज्य के भीतर सुनिश्चित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन कवर किए गए गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में से एक करोड़ निर्धन परिवारों की पहचान की गई। इसके बाद उन्हें 2 रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं और 3 रुपये प्रति किलोग्राम चावल देने का लक्ष्य रखा गया।

सर्व शिक्षा अभियान

प्रधानमंत्री के पद पर पदस्थ वाजपेयी ने शिक्षा और संचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन किये। बाजपेयी ने सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की थी। यह अभियान इस उद्देश्य से चलाया गया था कि, 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिले। योजना के जरिए देश के हर बच्चे को पढ़ने का संवैधानिक अधिकार भी मिल गया।

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