co-vaccine से बढ़ी बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता, 15-18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन से होगा लाभ- NTAGI
co-vaccine से बढ़ी बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता, 15-18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन से होगा लाभ- NTAGI

नेशनल डेस्क। कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की भी स्वीकृति के दी है।

NTAGI (नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन) की एक रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में को-वैक्सीन के ट्रायल का अच्छा रिस्पॉन्स दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री के 15-18 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन शुरू करने के फैसले के बाद कोविड-19 टास्क फाॅर्स के चीफ ने यह बयान दिया था। 3 जनवरी से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।

अबतक दो तिहाई बच्चों की हुई मौत:

नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की अध्यक्ष ने इस मामले में कहा कि, ”12 से 18 साल के बच्चे खासतौर पर 15-18 वर्ष के बच्चे काफी हद तक वयस्क की तरह होते है। इस विषय में भारत में भी कई शोध किये गए है। जिनके अनुसार कोविड के कारण 18 साल से काम उम्र के बच्चों की मौतों में लगभग दो तिहाई 15-18 वर्ष के भीतर के बच्चे थे। इससे यह निष्कर्ष निकालता है की यह निर्णय खासतौर पर वयस्कों को सुरक्षित रखने के लिए किया गया है।

नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के चेयरमैन एन के अरोड़ा ने कहा कि, 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के दो और भी लाभ है। पहला, इस उम्र के बच्चे घूमते-फिरते बहुत है। स्कूल-कॉलेज जाते है तो ऐसे में उनके संक्रमित होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।

और दूसरा, इस आयु के बच्चों को अकसर घर से भी संक्रमण हो सकता है। परिवार के किसी अन्य सदस्य के कारण भी इस आयु के बच्चे संक्रमित हो सकते है। तो ऐसे में ओमीक्रॉन संक्रमण से बचाने के लिए वयस्कों (15-18 वर्ष के बच्चों) के वैक्सीनेशन का निर्णय लिया गया है।

वैक्सीनेशन का मिला अच्छा रिस्पॉन्स:

DCGI ने बच्चों के लिए भारत बायोटेक की को-वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इस दौरान की गई रिसर्च में पता चला कि, को-वैक्सीन ने बच्चों में अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई। इससे बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता के बढ़त देखी गई है।

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