पीडीएस का चावल बेचते पकड़े गए तो हो सकती है सात साल की सजा, सरकार ने EC एक्ट में किया संशोधन
पीडीएस का चावल बेचते पकड़े गए तो हो सकती है सात साल की सजा, सरकार ने EC एक्ट में किया संशोधन

रायपुर/ बेमेतरा। उचित मूल्य की दुकानों से दर पर ख़रीदा गया चावल अब अहस्तांतरणीय होगा। अगर इसे बेचते हुए कोई भी पकड़ा गया तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय नवा रायपुर की ओर से असाधारण राजपत्र क्र. 627 के माध्यम से संशोधन किया गया है। इसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकानों से हितग्राही/कल्याणकारी संस्थाओं को प्रदाय राशन सामग्री अहस्तांतरणीय होगी तथा इसका विक्रय संबंधित राशनकार्डधारकों/संस्थाओं के द्वारा अन्य व्यक्ति या संस्थाओं को नहीं किया जायेगा।
ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्ति या संस्था के विरूद्ध छ.ग. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा-3 के तहत कार्यवाही की जाएगी, जिसमें 7 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है।

कलेक्टर ने निगरानी का दिया निर्देश

इस संबंध में बेमेतरा के कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान ने खाद्य विभाग के सभी निरीक्षकों को अपने प्रभार क्षेत्र में सतत् निगरानी के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि बेमेतरा जिले में 457 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इन उचित मूल्य की दुकानों से चावल, शक्कर, नमक, केरोसिन एवं अन्य खाद्यान्न का वितरण किया जाता है, साथ ही एपीएल कार्ड में भी सस्ते दर पर चावल का वितरण किया जाता है।

सस्ते चावल का हो रहा है दुरूपयोग

खाद्य विभाग को प्रायः ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि उपभोक्ता उचित मूल्य की दुकान से मिले चावल को जरुरत से ज्यादा होने पर वे उचित मूल्य की दुकान पर ही बेच देते हैं या फिर किसी व्यापारी को या खुले बाजार में बेच देते हैं, जिसकी वजह से किराना दुकानों एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की जांच में चावल ज्यादा मात्रा में मिलने एवं अधिक मात्रा का प्रमाण नहीं मिलने के कारण कई बार प्रकरण बने हैं।

अब अहस्तांतरणीय होगा सरकारी चावल

खाद्य विभाग का कहना है कि अमूमन हितग्राहियों द्वारा अपने पात्रता के चावल को बेचकर उस पैसे का दुरूपयोग अन्य आवश्यक जरूरतों के साथ नशाखोरी में किया जाता है, ऐसी भी शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिसको रोकने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय नवा रायपुर की ओर से असाधारण राजपत्र क्र. 627 के माध्यम से संशोधन किया गया है कि “सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकानों से हितग्राही/कल्याणकारी संस्थाओं को प्रदाय राशन सामग्री अहस्तांतरणीय होगी तथा इसका विक्रय संबंधित राशनकार्डधारकों/संस्थाओं के द्वारा अन्य व्यक्ति/संस्थाओं को नहीं किया जायेगा।”

पकड़े जाने पर ये है प्रावधान

ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्ति/संस्था के विरूद्ध छ.ग. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा-3 के तहत कार्यवाही की जाएगी, जिसमें 7 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। बेमेतरा संभवतः ऐसा पहला जिला है जहां इस संबंध में शासन द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के बाद आम सूचना प्रसारित की गई है। कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान ने खाद्य विभाग के सभी निरीक्षकों को अपने प्रभार क्षेत्र में सतत् निगरानी के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि अब तक सरकारी राशन को उचित मूल्य की दुकान के संचालकों द्वारा ब्लैक में बेचे जाने की शिकायतें अक्सर मिलती रहीं हैं। इनमे से कुछ पकड़े भी जाते हैं, जिनके खिलाफ आवश्यक वास्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है, मगर पहली बार उपभोक्ताओं के ऊपर भी यही कानून लागू किया गया है। पर देखना होगा कि विभाग उपभोक्ताओं को उनके द्वारा सस्ते दर पर ख़रीदे जाने वाले चावल को बेचने से कैसे रोकेगा अथवा पकड़ सकेगा..?

देखें EC एक्ट में संशोधन की प्रति :

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