गावों में FLY ASH डंप करके फंसे पावर प्लांट, एक और कारखाने पर पर्यावरण विभाग ने लगाया 89 लाख का जुर्माना, 15 दिनों का दिया अल्टीमेटम
गावों में FLY ASH डंप करके फंसे पावर प्लांट, एक और कारखाने पर पर्यावरण विभाग ने लगाया 89 लाख का जुर्माना, 15 दिनों का दिया अल्टीमेटम

जांजगीर-चांपा। पावर प्लांटों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए जांजगीर जिला प्रशासन ने कठोर कार्रवाई शुरू की है। इसीके तहत प्लांट के बाहर गांवों में यहां-वहां राख फेंकने वाले प्लांट पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। इस बार यहां के आरके पावर प्लांट के ऊपर प्रशासन ने 89 लाख 40 हजार रूपये का जुर्माना ठोंका है।

जांजगीर जिले के मालखरौदा विकासखंड के विभिन्न स्थानों पर बिना अनुमति के ही अवैध रूप से राखड डंप करने की शिकायतों पर एसडीएम सक्ती रैना जमील ने मालखरौदा तहसीलदार को मामले की जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद अवैध रूप से राख डंप किए गए सभी स्थलों की जांच की गई, शिकायत सही पाए जाने पर एसडीएम को तहसीलदार ने प्रतिवेदन दिया था।

NGT की गाइडलाइन का किया पालन

एसडीएम ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर को पत्र भेजकर आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड के शिकायत और जांच प्रतिवेदिन से अवगत कराया, जिसे दृष्टिगत रखते हुए NGT प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली द्वारा प्रकरण ओए नंबर 606/2018 दिनांक 16/01/2019 एवं दिनांक 30/4 /2019 एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार उद्योग पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के बदले क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई।

ग्रामवार ठोंका गया जुर्माना

RKM पावर प्लांट का अपना राखड़ बाँध होने के बावजूद प्रबंधन द्वारा रात के अँधेरे में कहीं भी प्लांट से निकली राख को फेंका जा रहा था। ऐसे 8 गांव थे जहाँ खुले स्थान में राख भारी मात्रा में डंप किया गया था। इसे देखते हुए जहां जितने ज्यादा भूभाग पर रख डंप किया गया, वहां उतना जुर्माना प्लांट पर लगाया गया। इस तरह RKM के ऊपर अवैध डंपिंग के एवज में 89 लाख 40 हजार रू (नवासी लाख चालीस हजार रुपये) का जुर्माना लगाया गया।

जुर्माना नहीं पटाया प्लांट में लग सकता है ताला

पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा जारी पात्र में 15 दिवस के भीतर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से राशि जमा करने के निर्देश दिए गये हैं, साथ ही निर्धारित समय सीमा में उद्योग द्वारा जुर्माने की राशि जमा न किए जाने की स्थिति में संबंधित उद्योग के विरुद्ध जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1981 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत उत्पादन बंद एवं विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।

देखिये आदेश की प्रति :