टीआरपी डेस्क। कोरोना की तीसरी लहर में हालात और अधिक खराब होने लगे हैं। ओमिक्रॉन के लक्षणों को ज्यादा गंभीर नहीं माना जा रहा है लेकिन यह पुराने सभी वैरिएंट के मुकाबले सबसे ज्यादा संक्रामक है। इसके अलावा, कोरोना की दोनों डोज लगा चुके लोगों में भी इसके लक्षण नजर आ रहे हैं।

हालांकि दुनिया अब पहले के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में है और कोरोना के इन वैरिएंट से लड़ने के लिए तैयार है। दुनियाभर के अधिकतर देशों में लोगों को कोरोना डोज लग चुकी है जिससे लोगों की इम्यूनिटी पावर काफी हद तक स्ट्रॉन्ग हो गई है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रॉन को डेल्टा की तुलना में बहुत मामूली माना जा रहा है। कोरोना की इस तीसरी लहर से संक्रमित लोगों में दिखने वाले लक्षण भी काफी माइल्ड हैं।
समय-समय पर सामने आ रहे कोविड के नए वैरिएंट्स को देखते हुए कोरोना लक्षणों के प्रोफाइल में भी बदलाव किए गए हैं। न्यूजजीपी में प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने लिखा कि अगर साल 2020 में आए अल्फा वैरिएंट की बात करें तो इसके 3 लक्षण बेहत ही सामान्य थे जैसे- खांसी, बुखार और सूंघने की क्षमता खत्म होना। प्रोफेसर स्पेक्टर ZOE Covid स्टडी के प्रमुख वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने लाखों ऐप उपयोगकर्ताओं के माध्यम से महामारी की गतिविधियों पर नज़र रखी है।
अगर कोरोना के तीसरे वैरिएंट की बात करें तो इसे देखते हुए यह प्रतीत होता है कि यह डेल्टा के ट्रेंड को आगे बढ़ा रहा है। ओमिक्रॉन के लक्षण किसी आम सर्दी, जुकाम और बुखार की तरह ही हैं और यह लक्षण उन लोगों में नजर आ रहे हैं जो पूरी तरह से वैक्सीनेटेड है। प्रोफेसर स्पेक्टर और उनकी टीम लंदन में पॉजिटिव आए लोगों में दिखे लक्षणों के बाद ही इस नतीजे पर पहुंची। प्रारंभिक विश्लेषण में डेल्टा और ओमिक्रॉन के बीच शुरुआती लक्षणों (परीक्षण के तीन दिन बाद) में कोई स्पष्ट अंतर नहीं पाया गया।
गले में खराश के अलावा, ओमिक्रॉन के कुछ अन्य लक्षणों में थकान, बुखार, शरीर में दर्द, रात को पसीना, छींकना, नाक बहना, मतली और भूख न लगना शामिल हैं. डेल्टा वेरिएंट के विपरीत, ओमिक्रॉन से गंध और स्वाद ना आने की संभावना कम होती है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…