अब प्रदूषित नहीं होगी इंद्रावती नदी... 54 करोड़ की लागत से तैयार हुआ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

टीआरपी डेस्क। प्रदेश की इंद्रावती नदी अब घरों से निलकने वाले दूषित पानी से प्रदूषित नहीं होगी। शहरवासियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इस पानी की सफाई के लिए शहर से लगे बालीकोंटा में लगभग 54 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने जगदलपुर प्रवास के दौरान जगदलपुर और बस्तर की जीवन रेखा इंद्रावती नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए बालीकोंटा में 54 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया।

बालीकोंटा में अमृत मिशन योजनातंर्गत 25 एमएलडी क्षमता के सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया है। संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में लगभग 180 लाख लीटर प्रदूषित पानी रोज दलपत सागर और इंद्रावती नदी में जाकर मिलता है। इस पानी में मौजूद बैक्टिरिया, टर्बिडिटी और बढ़े हुए पीएच मान के कारण यह पानी दलपत सागर और इंद्रावती नदी के पानी को प्रदूषित कर देता था।

शहर के इस गंदे पानी के शुद्धिकरण के लिए लगभग 10 किलोमीटर लंबे पाईपलाइन के माध्यम से इसे बालीकोंटा पहुंचाया जा रहा है, जहां निर्मित प्लांट में तीन चरणों में इस पानी के शुद्धिकरण के बाद इसे इंद्रावती नदी में छोड़ा जाएगा।

अमृत योजना के तहत निर्मित इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 250 लाख लीटर पानी को साफ किया जा सकता है। शुद्धिकरण के बाद इस पानी को वापस इंद्रावती नदी में छोड़ने पर नदी के जलस्तर में आ रही कमी की समस्या से भी निजात मिलेगी।

दलपत सागर में मिलने वाले 3 नाले और इंद्रावती नदी में मिलने वाले 7 नालों महादेव घाट में 1 नाला, केन्द्र बन्दीगृह के पीछे 2 नाले, पावर हाऊस में 1 नाला, इंटेक वैल के पास 1 नाला और लक्ष्मी नारायण मंदिर राजा कब्रगृह के पास 2 नालों सहित इन 10 नालों को एक साथ जोड़कर आर.सी.सी. पाइप द्वारा बालीकोंटा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मेन पम्पींग स्टेशन में लाया जायेगा।

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