हिंदुओं को भी अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकते हैं राज्य : सुप्रीम कोर्ट
हिंदुओं को भी अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकते हैं राज्य : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की पूर्व महिला जज को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि उनका इस्तीफा स्वैच्छिक नहीं हो सकता है। अदालत ने कहा कि पिछला वेतन वापस नहीं मिलेगा लेकिन उन्हें आगे बहाल कर वेतन भत्ता दिया जाएगा। महिला जज ने 2014 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

आरोप जांच में हुआ गलत साबित

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जज के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पूर्व महिला जज की नौकरी बहाल करने का विरोध किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। दरअसल पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी ने हाईकोर्ट के जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जो जांच में गलत साबित हुआ था। इसके बाद महिला अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नौकरी बहाल करने की मांग की थी।

इस्तीफा देने के लिए हुईं मजबूर

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के जज के खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपने आरोपों की जांच के बाद इस्तीफा दे चुकी पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी यह आरोप नहीं लगा सकती कि उनकी शिकायत गलत पाए जाने के चार साल बाद वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुईं।

दरअसल महिला अधिकारी ने अदालत में आरोप लगाया था कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि महिला ने कामकाज के प्रतिकूल माहौल को इस्तीफे का आधार बताया था कि उन्हें कथित तौर पर इस वजह से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था लेकिन यह मामला उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के चार साल बाद उठाया है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर