मारपीट करने वाले वकीलों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर जिले भर के कर्मचारी हड़ताल पर, अधिवक्ता भी आंदोलन की तैयारी में
मारपीट करने वाले वकीलों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर जिले भर के कर्मचारी हड़ताल पर, अधिवक्ता भी आंदोलन की तैयारी में

रायगढ़। तहसील कार्यालय में कल कुछ अधिवक्ताओं द्वारा तहसील कार्यालय में भीड़ के शक्ल में प्रवेश कर तहसीलदार के रीडर और एस डी एम के भृत्य के साथ मारपीट की। इस दौरान बीच-बचाव कर रहे नायब तहसीलदार के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। इस घटना को लेकर जहां एक ओर रायगढ़ जिले के सभी शासकीय कर्मचारी हड़ताल पर हैं, वहीं घटना को लेकर दूसरी ओर संयुक्त कलेक्टर और अपर कलेक्टर का संघ ने रायपुर में संघ के अध्यक्ष आशुतोष पांडे की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया है।

रायगढ़ जिले के तहसील कार्यालय में जमीन नामांतरण कराने को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया। यहां तहसील कार्यालय के 2 कर्मचारियों को जमकर पीटा गया। इस घटना के विरोध में तहसील समेत जिले के सभी सरकारी कार्यालय बंद हो गए। अगले दिन भी जिले भर के राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारी मुख्यालय में धरने पर बैठ गए। पुलिस ने वकीलों के खिलाफ धारा 186, 294, 332, 353, और एट्रोसिटी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं और लिपिक वर्ग के बीच आरोप प्रत्यारोप लगाए गए हैं और तनाव की स्थिति है।

प्रशासनिक सेवा संघ ने की निंदा

इधर छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष आशुतोष पांडे की अध्यक्षत में हुई बैठक के बाद कहा कि वीडियो को देखने से स्पष्ट है यह घटना सामान्य एवं अचानक होने वाली घटना नही थी, बल्कि पहले से ही नियोजित थी।वीडियो में दिख रहे अधिवक्ताओं द्वारा कार्यालयीन समय में शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए अधिकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई। अध्यक्ष ने नायब तहसीलदार ,रीडर और भृत्य के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन से तत्काल गिरफ़्तारी की मांग की।
आरोपी अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी की कार्यवाही नही होने की स्थिति में छ ग प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा भी आगे की रणनीति तय की जाएगी। बैठक में संघ के समस्त पदाधिकारियों द्वारा कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और राजस्व न्यायालयीन कर्मचारियों को समर्थन दिया गया।

ये है मामला…

बताया जा रहा है कि रायगढ़ के रेलवे बंगला पारा में रहने वाले रामू राम यादव की जमीन का नामांतरण होना है। सिविल कोर्ट ने उस जमीन का नामांतरण कराने का फैसला दिया है। तहसीलदार सुनील अग्रवाल ने फैसले को गलत बताते हुए कह दिया है कि वे नामांतरण नहीं करेंगे। वही रामू राम यादव के वकील जितेंद्र शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने तहसीलदार से बात करने की कोशिश की और उनके फैसले को गलत बताया तो तहसीलदार ने उनके साथ बदसलूकी की। वकीलों का आरोप है कि हमारे साथ पहले तो तहसील कार्यालय के लोगों ने मारपीट की है। इसके बाद हमने अपने बचाव में ये सब किया।

वायरल वीडियो बता रहे हैं वकीलों की हरकत

तहसील के लिपिक और भृत्य के साथ शासकीय कार्यालय में मारपीट करते वीडियो वायरल हुआ है। आवेदन में उल्लेखित है कि दोपहर क़रीब दो बजे तहसील में वकील जितेंद्र शर्मा, महेश पटेल, दीपक मोड़ा तथा अन्य के द्वारा मारपीट की गई।आवेदन में उल्लेखित है कि बीच बचाव में पहुंचे नायब तहसीलदार के साथ भी मारपीट और गालीगलौच की गई। आरोप यह भी लगाया गया है कि अधिवक्ताओं के समूह ने कार्यालय के भृत्य के साथ भी मारपीट की है।

देखिये VIDEO :