किसानों को किराए पर मिलेंगे ड्रोन, उड़ाने का भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

भोपाल। खेतों में तरल खाद या कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए अब किसानों को स्प्रे पंप या श्रमिकों की तलाश में भटकना नहीं होगा। इस काम को सरल बनाने के लिए उन्हें किराए पर गांवों में ही ड्रोन किराए पर मिल जाएंगे।

इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार कस्टम हायरिंग सेंटर का विस्तार करने जा रही है, जिसकी घोषणा बजट में की जा सकती है। इसमें ड्रोन उड़ाने के लिए कौशल विकास केंद्रों से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा, जो निशुल्क होगा।

केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए कृषि कार्यों में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। बजट में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रविधान भी किया है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने भी कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसानों को नैनो यूरिया खाद के साथ कीटनाशक के छिड़काव के लिए ड्रोन किराए पर उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाई है।

प्रदेश में अभी तीन हजार 150 कस्टम हायरिंग सेंटर हैं। इनके माध्यम से किसानों को खेत तैयार करने, बोवनी और कटाई के लिए उपकरण किराए पर मिलते हैं। अब इसमें ड्रोन सेवा को भी शामिल किया जा रहा है।

इसके लिए ड्रोन सेवा का संचालन करने के इच्छुक केंद्रों के प्रस्ताव लेकर बैंकों को ऋण स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही अनुदान भी दिलाया जाएगा। ड्रोन डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से मान्यता प्राप्त संस्था से ही लिए जाएंगे। इसके लिए अनुबंध किया जाएगा।

इंदौर में खुलेगा कौशल विकास केंद्र

कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय इंदौर में कौशल विकास केंद्र खोलने जा रहा है। अभी भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और सतना में कौशल विकास केंद्र हैं। यहां ट्रैक्टर और हार्वेस्टर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन केंद्रों में ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। इसके लिए विभिन्न् कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है।