रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में राजस्व न्यायालय में तहसीलदार और कर्मचारियों से मारपीट का मामला दिन-प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है। रायगढ़ तहसीलदार और कर्मचारिओं के साथ मारपीट और राजस्व विवाद मामले में गिरफ्तार वकील हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने अंतरिम वकील को जमानत दे दी है। इसके साथ ही आदेश की कॉपी उपलब्ध कराकर उन्हें जेल से बाहर लाने की व्यवस्था भी दी गई है।

बता दें रायगढ़ में नायब तहसीलदार और वकीलों के बीच भड़के विवाद के बाद अब वकीलों ने मोर्चा खोल रखा है। बता दें कि इससे पहले मारपीट के विरोध में प्रदेश के सभी तहसीलदारों ने कलम बंद हड़ताल कर कामकाज रोक दिया था। तहसीलदारों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और राजस्व न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी।
FIR में नहीं था इनका नाम
आज को सीनिरयर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा, अवध त्रिपाठी और अन्य वकीलों ने जस्टिस दीपक तिवारी को यह बताया कि वकील भुवनलाल साव निर्दोष हैं। FIR में उनका नाम नहीं है। सिर्फ घटना स्थल पर खड़े होने के कारण उन्हें आरोपी बना दिया गया।
भुवनलाल को छुड़ाने कोर्ट पहुंची वकीलों की भीड़
वकील भुवनलाल साव को जमानत दिलाने के लिए मुख्य रूप से सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा ने बहस की और पक्ष रखा। लेकिन, इस दौरान कोर्ट में वकीलों की भीड़ पहुंच गई। तकरीबन 30 वकीलों ने भुवनलाल को तत्काल जमानत पर रिहा करने की मांग की। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
5 वकील हिरासत में, 2 की तलश जारी
इस मामले में पुलिस ने अब तक 5 वकीलों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन 2 वकील अभी भी फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। वकीलों की गिरफ्तारी और तहसील न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की शर्त पर ही कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने अपना हड़ताल वापस लिया था।
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