Stock market crash amid Russia-Ukraine tension, Sensex falls 1000 points, Nifty below 17000

नई दिल्ली। Stock Market Opened On Red Mark: रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव की खबरों के चलते मंगलवार को शेयर बाजार की शुरुआत बेहद खराब रही। बीएसई का सेंसेक्स 1000 अंक टूटकर 57 हजार के स्तर के नीचे खुला। वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने भी 299 अंकों की भारी गिरावट के साथ 17 हजार के नीचे आकर कारोबार शुरू किया।

रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के चलते कमजोर वैश्विक संकेतों के अनुरूप भारतीय शेयर बाजार जोरदार गिरावट के साथ खुला। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया। बाजार के दोनों सूचकांकों में जोरदार गिरावट देखने को मिली।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई ) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1024 अंक टूटकर 57 हजार से नीचे आ गया और 56,659 के स्तर पर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी सूचकांक ने 299 अंक फिसलकर 17 हजार के नीचे आ गया। फिलहाल, निफ्टी 16,907 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के चलते बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में निवेशकों को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

दुनियाभर के बाजारों पर दिखा असर

भारत ही नहीं बल्कि रूस-यूक्रेन में गहराते संकट का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखाई दे रहा है। एशिया से लेकर यूरोप के बाजारों भारी गिरावट दर्ज की गई है। जहां एक ओर भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को खुलने के साथ ही धड़ाम हो गया ।

यूरोपीय बाजारों पर नजर डालें तो एटीएसई 0.39 फीसदी, सीएसी 2.04 फीसदी और डैक्स 2.07 फीसदी टूटकर बंद हुआ। एशियाई बाजारों को देखें तो एसजीएक्स निफ्टी में 1 फीसदी ज्यादा और हैंगसेंग में 3.23 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं शंघाई एसई कम्पोजिट इंडेक्स 1.19 फीसदी, जबकि ताइवान टी सेक्ट 50 इंडेक्स 1.87 फीसदी टूटा है।

कच्चे तेल का भाव 96 डॉलर के पार

एक ओर जहां शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 8 साल के हाई पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का कीमत 96 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई है।

गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। इसके बाद अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की, जिन्हें रूस द्वारा नए सिरे से मान्यता दी गई है।