ओमिक्रॉन

नेशनल डेस्क। देशभर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर का असर थमते दिख रहा हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron) का दूसरा स्वरूप BA.2 दुनिया के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकता है।

जापान के यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का बीए.2 स्वरूप पुराने स्वरूप बीए.1 की जगह ले रहा है। खासकर यूरोप और एशिया में बीए.2 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बीए.2 स्वरूप दुनिया के स्वास्थ्य के लिए नया खतरा हो सकता है।

BA.1 और BA.2 को मन जा सकता है ओमीक्रॉन : प्रोफेसर केई सातो

टोक्यो यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर केई सातो का कहना है कि अभी बीए.1 और बीए.2 को ओमिक्रॉन माना जा रहा है। जांच में हमने जो पाया है उस आधार पर बीए.2 को विशेष स्वरूप के रूप में इंगित करने की सलाह दी है। इसके अलावा वायरस के इस स्वरूप के बारे में गहन अध्ययन की जरूरत है।

वहीं अमेरिकी महामारी रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर एरिक फेगल डिंग का कहना है कि बीए.2 स्वरूप लोगों के लिए एक बुरी खबर है। वो भी तब जब दुनिया के कई देशों में कोविड प्रतिबंधों को संक्रमण के कम मामलों के आधार पर खत्म किया जा रहा है।

महामारी के दोबारा लौटने का खतरा बढ़ा

विशेषज्ञों के अनुसार दुनियाभर में ओमिक्रॉन की लहर करीब साढ़े तीन महीने रही। लगातार तीसरे सप्ताह दुनियाभर में संक्रमण की रफ्तार में 22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि वायरस के नए स्वरूप ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ओमिक्रोन का बीए.2 स्वरूप दुनियाभर में संक्रमण और मौतों के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी का कारण बन सकता है। ऐसे में महामारी के वापस लौटने का खतरा भी बढ़ गया है।

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