बड़ी खबरः गोबर से बिजली बनाने तकनीक हस्तांतरण को लेकर हुआ एमओयू

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने कृषि के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में आज एक कार्यक्रम में राज्य में कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हुए 2 महत्वपूर्ण एमओयू हुए।

छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न, सब्जी और लघु वनोपजों को लंबे समय तक सुरक्षित, तरोताजा एवं गुणवत्ता युक्त रखने के लिए शासकीय क्षेत्र में स्थापित होगा पहले फ़ूड इरेडिएटर प्लांट के संचालन एवं तकनीक हस्तांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से बीज निगम एवं परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत विकिरण बोर्ड एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी के मध्य एमओयू हुआ।

वहीं भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य को गोठनों में गोबर से बिजली बनाने के लिए देगा तकनीकी मार्गदर्शन देगा। गौठानों में गोबर आधारित विद्युत संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण ( सीबीडीए )और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) के मध्य हुआ एमओयू हुआ।

गोठनों में गोबर से उत्पादित बिजली उपयोग वहाँ संचालित रूलर इंडस्ट्रियल पार्क की पावर चलित मशीनों, पेयजल, सिचाई, प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य कार्यों के लिए होगा। अतिरिक्त बिजली का विक्रय विद्युत वितरण कंपनी को किया जा सकेगा।

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