टीआरपी डेस्क। 2022 में पत्रकारिता और फिल्म जगत का एक और चिराग आज बुझ गया। दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का आज 83 वर्ष में निधन हो गया।

बता दें जयप्रकाश चौकसे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें सिनेमा जगत का एनसाइक्लोपीडिया (Encyclopedia) कहा जाता था। 26 साल से वे दैनिक भास्कर में “परदे के पीछे” कॉलम लिखा करते थे। इसके साथ ही उन्होंने उपन्यास ‘दराबा’, ‘महात्मा गांधी और सिनेमा’ और ‘ताज बेकरारी का बयान’ भी लिखा है।
इतना ही नहीं इन सबके साथ ही उन्हें कहानियां लिखने में भी काफी रूचि थी। ‘उमाशंकर की कहानी’, ‘मनुष्य का मस्तिष्क और उसकी अनुकृति कैमरा’ और ‘कुरुक्षेत्र की कराह’ ये सब उनकी कहानियां हैं। पत्रकार जयप्रकाश चौकसे के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक जताया है।
जय प्रकाश चौकसे के आखिरी लेख की हेडलाइन कुछ इस प्रकार थी- प्रिय पाठको… यह विदा है, अलविदा नहीं, कभी विचार की बिजली कौंधी तो फिर रूबरू हो सकता हूं, लेकिन संभावनाएं शून्य हैं’।
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